November 22, 2024

तंदुरुस्त बेटी के गोद में आते ही घर परिवार में फैली खुशियाँ.. सुपोषण अभियान की यही सफलता

कोरबा 05 दिसम्बर 2020. प्रदेश में संचालित मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से कुपोषित बच्चे ही नहीं बल्कि किशोरी बालिकाएं, गर्भवती और शिशुवती महिलाएं भी लाभान्वित हो रही है। कोरबा जिले में इस अभियान के तहत बच्चों को कुपोषण से निकालकर स्वस्थ बनाने के साथ-साथ स्वस्थ एवं तंदुरुस्त बच्चों के जन्म पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है । इसके लिए सभी गर्भवती महिलाओं को इस अभियान से जोड़ा गया हंै। महतारी जतन योजना से लेकर सुपोषण अभियान, सुपोषित जननी कार्यक्रम के तहत नियमित जांच, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं मितानिन द्वारा नियमित रूप से घर-घर जाकर स्वास्थ्य सलाह और पूरक पोषक आहार वाली पौष्टिक खुराक के लिए जिले में गर्भवती महिलाओं की काउंसलिंग की जा रही है। इसका सकारात्मक परिणाम अब सामने आ रहा है ।
कोरबा जिले के ग्राम पंचायत चोढ़ा के कछारपारा निवासी श्रीमती सुनीता नेताम ने भी इस अभियान से जुड़कर ही अपनी प्रसव संबंधी जिज्ञासाओं और ली जाने वाली सावधानियों के बारे में जाना। पोषण अभियान के तहत मिले अंडा और मूंगफली-गुड़ के पोषक लड्डू के साथ पौष्टिक गर्म भोजन से सुनीता के साथ-साथ उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को भी पूरा पोषण मिला और सुनीता ने जिला अस्पताल में स्वस्थ और सुंदर बेटी को जन्म दिया। स्वस्थ बेटी के जन्म से सुनीता के घर परिवार में खुशियां फैल गई है। श्रीमती सुनीता के पहली बार गर्भवती होने पर देखभाल के लिए उसे आंगनबाड़ी केंद्र कछारपारा ग्राम पंचायत चोढ़ा में पंजीकृत किया गया। इसके बाद उसे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा मितानिन द्वारा लगातार स्वास्थ्य और पोषण संबंधी जरूरी सलाह दी जाती रही। रेडी -टू- ईट के व्यंजन, हरी सब्जियां, स्थानीय फलों के साथ-साथ सुनीता को पौष्टिक आहार के लिए महतारी जतन योजना से जोड़ा गया और गर्म खाना उपलब्ध कराया गया। खून की कमी से बचाने के लिए उसे लौह तत्व युक्त भोजन तथा मुनगा भाजी भी खाने की सलाह दी गई। सुनीता ने इस दौरान अपने घर के परिसर में मुनगा का पौधा भी लगा दिया हैं। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान और सुपोषित जननी योजना के तहत गर्भवती सुनीता को आंगनबाड़ी केंद्र में गर्म भोजन के साथ ही एक दिन छोड़कर एक दिन अंडा तथा मूंगफली के पौष्टिक लड्डू भी खिलाएं गए। इस बीच सुनीता की लगातार काउंसलिंग की जाती रही और उसे प्रसव पूर्व तैयारी, पैसों की बचत, वाहन की व्यवस्था आदि के बारे में भी बताया जाता रहा।

सुनीता को प्रसव का दर्द होने पर उसे चोढ़ा उप स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से जिला अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती किया गया। जिला अस्पताल में सुनीता ने तीन किलो 800 ग्राम की स्वस्थ व सुंदर बच्ची को जन्म दिया। सुनीता को एक सप्ताह बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। घर आते ही कार्यकर्ता ने उसे बच्ची को स्तनपान के सही तरीके, साफ-सफाई और नवजात की देखभाल के बारे में बताया। सुनीता की बेटी अभी भी पूरी तरह स्वस्थ हैं। वह तीन माह की हो गई है तथा उसका वजन नियमित रूप से बढ़ रहा हैं। बच्ची का नियमित टीकाकरण हो रहा है तथा सुनीता को अभी भी शिशुवती माता के रूप में सुपोषित जननी कार्यक्रम के तहत लगातार पौष्टिक आहार नियमित रूप से आंगनबाड़ी केंद्र में मिल रहा हैं। श्रीमती सुनीता बताती है कि पहली बार मां बनने की खुशी हर स्त्री में अनूठी होती है। परंतु गर्भवती होने के बाद की चुनौतियों से अनभिज्ञ होने के कारण मैं काफी डरी हुई थी। गर्भावस्था में होने वाले शारीरिक -मानसिक बदलावों के साथ घर परिवार में सामंजस्य की चुनौती कम नहीं थी। लेकिन इन सब चुनौतियों से निपटने में सुपोषण अभियान से जुड़ी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मितानिन सहित महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने खूब सहायता की। लगभग रोज ही घर आकर मुझे समझाना, परामर्श देना, भोजन पानी की जानकारी देना और रखी जाने वाली सावधानियों को बताया। इससे मेरा स्वास्थ्य भी ठीक रहा हैं मैंने प्रसव काल के पूरा होने पर स्वस्थ एवं सुंदर बच्ची को जन्म दिया।

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