September 20, 2024

मनरेगा का 16.28 करोड़ लटका, भुगतान के लिए भटक रहे हजारों हितग्राही

न्यूज एक्शन। लोकलुभावन वादों के साथ प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई है। हॉफ बिजली बिल, कर्जा माफ सहित अन्य वादों को पूरा करने सरकार कदम उठाने का दावा कर रही है। मगर कोरबा में शासन के इन दांवों का सच कुछ और ही बयां कर रहा है। जिले के हजारों मनरेगा मजदूरों का 16.28 करोड़ का भुगतान लंबित है। जिम्मेदार अधिकारी भुगतान लंबित होने का कारण शासन से राशि आबंटित नहीं होने को बता रहे हैं। शासन से राशि आबंटित नहीं होने के कारण दिसंबर माह से मजदूरों का भुगतान अटका है। भुगतान के लिए मजदूर शासकीय कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। मगर अधिकारी भी शासन से आबंटन नहीं मिलने के कारण मनरेगा मजदूरी भुगतान को लेकर हाथ खड़े कर रहे हैं।
जिले के पांचों विकासखंडों में मनरेगा के तहत विभिन्न कार्य हुए हैं। जिसमें जिलेभर के हजारों ग्रामीणों ने मजदूरी की है। इन कार्यों के लिए जिले के मनरेगा मजदूरों को 16.28 करोड़ रुपए का मजदूरी भुगतान किया जाना है। मजदूरी आबंटन की राशि शासन से जारी की जाती है। अब तक जिले में शासन से मनरेगा मजदूरी आबंटन नियत तिथि पर होता रहा है, लेकिन प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ मनरेगा मजदूरी का भुगतान शासन ने आबंटित नहीं किया है। गत दिसंबर माह से मजदूर मजदूरी भुगतान का इंतजार कर रहे हैं। इस दौरान वे कई कार्यालयों के चक्कर भी काट चुके हैं, लेकिन अधिकारी उन्हें शासन से राशि प्राप्त नहीं होने की बात कहकर मायूस लौटा रहे हैं। पिछले चार माह से मनरेगा मजदूरी भुगतान नहीं होने से ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति भी खराब हो चली है। अधिकांश मजदूर मनरेगा मजदूरी से अपना व परिवार का भरण पोषण करते हैं। ऐसे में इन मजदूर परिवारों को परेशानी उठानी पड़ रही है। शासन ने सबको रोजगार दिलाने के उद्देश्य से रोजगार गारंटी की योजना शुरू की थी, लेकिन शासन द्वारा राशि आबंटित नहीं किए जाने से इस महती योजना पर पलीता लगा हुआ है। ऐसे में सरकार के कर्ज माफी, बिजली बिल हॉफ सहित विभिन्न वादों पर विरोधी सवाल खड़े कर रहे हैं। एक तरफ सरकार किसानों का कर्जा माफ करने की बात कह रही है वहीं दूसरी ओर जिले में किसान व मजदूर वर्ग को मजदूरी का भुगतान लंबित पड़ा हुआ है।

चार माह से भटक रहे
गत दिसंबर माह से मनरेगा मजदूरी भुगतान लंबित है। पिछले चार माह से मनरेगा मजदूरी का भुगतान पाने मजदूर इस कार्यालय से उस कार्यालय भटक रहे हैं। मगर शासन से राशि आबंटित नहीं हो पाने के कारण उन्हें अधिकारी भी जल्द से जल्द राशि का आबंटन होने का दिलासा दे रहे हैं। लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू हो चुकी है। ऐसे में मनरेगा का यह आबंटन चुनाव तक हो पाने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है। कहीं लोकसभा चुनाव में मनरेगा मजदूरी का लटका भुगतान सत्तारूढ़ दल को भारी न पड़ जाए।

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