November 22, 2024

कोविड-19 महामारी से कैसे बचें ? विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न

कोरबा 22 अप्रेल। शासकीय महाविद्यालय कोतरी, जिला मुंगेली एवं कला परंपरा-कला बिरादरी संस्थान छत्तीसगढ़ के तत्वाधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन सोमवार को कोविड-19 महामारी से कैसे बचें ? एवं सकारात्मकता विषय पर विशेष संगोष्ठी एंव गूगल मीट आनलाईन कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।कार्यक्रम के शुभारंभ में शासकीय महाविद्यालय कोतरी जिला मुंगेली के प्राचार्य डॉ. डी. एस. मिश्रा के द्वारा स्वागत उद्बोधन के द्वारा कार्यक्रम शुभारंभ किया गया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा- कोरोना जो आज वैश्विक आपदा प्रमाणित हो गया है, जिससे आज हर मनुष्य प्रभावित एवं भयभीत हैं। इस कोविड-19 सेजन-जन डरा एवं सहमा हुआ है ! इसलिए इस महत्वपूर्ण विषय को ध्यान में रखकर इस संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी के माध्यम से हमारे प्रबुद्धजनों वक्ताओं द्वारा कोरोना वायरस से बचाव एवं कोरोना के जन जागरण गीतों के द्वारा छात्र छात्राओं को एवं जनता को शुभ संदेश देने का प्रयास किया गया है।

कार्यक्रम के संयोजक डॉ. कल्पना अभिषेक पाठक ने कार्यक्रम की भूमिका सबके समक्ष रखते हुए उद्बोधन दिया कि कोरोना से हमें अपने आत्मविश्वास के बल पर लड़ना होगा। हमें इससे भयभीत नहीं होना है। वर्तमान का जो कोविड-19 है वह तेजी से आम मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर शरीर को हानि पहुंचा रहा है। हमें इससे निजात पाना बहुत जरूरी है और हम स्वयं अपने आत्म बल बढ़ा कर इस वैश्विक महामारी कोरोना को हरा सकते हैं। इसके लिए कुछ अनुशासन का पालन करके इस बीमारी से निश्चित रूप से निजात पा सकते हैं।

प्रथम सत्र में सह संयोजक गया प्रसाद साहू “रतनपुरिहा”जी ने कार्यक्रम के संबंध में विस्तार पूर्वक सभी अतिथि गणों का परिचय दिया, इस महत्वपूर्ण एवं यादगार कार्यक्रम में निम्न लिखित कवि, कवयित्री सम्मिलित हो रहे हैं :- डॉ. डी. एस. मिश्रा (संरक्षक एवं प्राचार्य, शा. महा. कोतरी जिला मुंगेली छत्तीसगढ़, |डाँ.कल्पना अभिषेक पाठक (संयोजक), डा. चन्द्रशेखर सिंह, विभागाध्यक्ष हिन्दी, शासकीय जे. पी. मिश्र, स्नातकोत्तर महाविद्यालय मुंगेली, शशीदीप राष्ट्रीय कवियत्री/लेखिका मुंबई से (विशिष्ट अतिथि), डॉ. कमल वर्मा, रिम्स हास्पीटल रायपुर (कोरोना महामारी से बचाव हेतु मुख्य वक्ता), डॉ.मुक्ता कान्हा कौशिश, स. प्रा. मनोविज्ञान, ग्रेसियस महाविद्यालय अभनपुर (रायपुर), श्रीमती नीलम जयसवाल, पत्रकार एवं कवयित्री, भिलाई से, श्रीमती आशा आजाद”कृति”, स. प्रा. भूगर्भ विज्ञान, शा. कन्या महाविद्यालय कोरबा से, श्रीमती शोभामोहन श्रीवास्तव, पाटन (दुर्ग) से, श्रीमती वसंती वर्मा वरिष्ठ कवयित्री बिलासपुर से, श्री शरद यादव, हास्य-व्यंग्य कवि- एवं अध्यक्ष- कृतिकला साहित्य परिषद सीपत (बिलासपुर) से उपस्थित हैं। आप सभी वक्ताओं का आज के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में हार्दिक अभिनन्दन करते हैं। इस उद्बोधन के बाद कार्यक्रम का संचालन-गया प्रसाद साहू “रतनपुरिहा” ने किया |

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रजनी रजक ,जो छत्तीसगढ़ राज्य की लोकगायिका हैं, उन्होंने अपने श्रेष्ठ गीतों के माध्यम से बहुत ही सुंदर संदेश जन-जन को दिया उन्होंने कहा कि हमें गिलोय और काढ़े का उपयोग निरंतर अपने जीवन में करना चाहिए इससे बीमारी हम से निश्चित ही दूर चली जाएगी और अनुशासन का पालन पूर्ण रूप से करना जरूरी बताया। रजनी रजक ने बहुत से सुंदर गीतों के माध्यम से छात्राओं को जन जागरण का संदेश दिया।

अगले चरण में कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि-शशिदीप, जो मुंबई से हैं, आप ने कहा कि हमें धैर्य बनाने की परम आवश्यकता है।कोविड-19 से फैलने वाले वायरस से स्वयं को किस प्रकार की सावधानियां बरतनी है ? कठिन अनुशासन का पालन करना जरूरी बताया।

अगली कड़ी में डॉ.कमल वर्मा ने कहा कि वर्तमान में जो वैश्विक महामारी आया है, वह नया एवं खतरनाक वायरस है। इससे बचने के लिए ट्रिपल लेयर वाला मास्क लगाने की जरूरत है, मेल मिलाप से दूर ही रहे, अनुशासन का पालन करें, प्राणायाम, ओम विलोम योगा नित्य करें।वर्तमान का जो वायरस है वह सीधे फेफड़ों तक पहुँच जाता है! इसलिए अपने घर में ही रहकर एवं कोविड-19 से बचाव हेतु नियमों का कड़ाई से पालन करके ही इससे बचा जा सकता है, कोरोना हारेगा,भारत जीतेगा, कहकर आत्मविश्वास जगाया |

डॉ. मुक्ता कान्हा कौशिक, स. प्रा. मनोविज्ञान ने कहा कि हमें सकारात्मक सोच रखना बहुत जरूरी है, यदि नकारात्मक सोच हम पर हावी होगा तो यह वायरस हमपर हावी हो जाएगा। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले आहार पर पूर्ण ध्यान देना चाहिए। नीलम जयसवाल ने देवी जागरण गीत एवं कोरोना जन जागरण गीत के माध्यम से सुंदर समा बांधा।

अगले क्रम में आशा आजाद”कृति” ने गिलोय का सेवन काढ़े के रूप मे करने का संदेश दिया एवं अपने गीत “कोरोना से डरो नही अब, मानुष नेक सुजान ।” द्वारा जन संदेश दिया अगले क्रम में शोभामोहन श्रीवास्तव ने “तै तो पूरा कस पानी उतर जाबे रे,ओ माटी के घर गुंदिया उजर जाबे रे” सुंदर संदेशप्रद गीत से समा बांधा। उसके पश्चात वासंती वर्मा ने अपने उदबोधन के साथ देवी की नौ रूपो की महिमा का बखान किया अपने गीतों के माध्यम से सुंदर संदेश दिया। शरद यादव कृति कला साहित्य परिषद, सीपत के अध्यक्ष ने “मोला देदे दाई पइसा के एक ठन पेड़” गीत के माध्यम से सुंदर संदेश दिया। गयाप्रसाद साहू “रतनपुरिहा” द्वारा “तोला बंदौ ओ दाई,तोही ला बंदौं ओ, कोरोना वायरस ले बचाले दाई ओ” इस गीत के माध्यम से सुंदर संदेश दिया गया।

कार्यक्रम के अंत में डॉ. कल्पना अभिषेक पाठक ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी वक्ताओं एवं कविगणों का आभार व्यक्त कर कार्यक्रम का समापन किया।

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