November 22, 2024

कोरोना प्रभावितों को मुफ्त राशन व आर्थिक मदद कराने की मांग

कोरबा 1 मई। कोरोना प्रभावित जनता को राहत देने और जन स्वास्थ्य की सुविधा को लेकर छत्तीसगढ़ किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने गांव के अंदर घर-घर हाथो में पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया। सभा ने मुफ्त राशन किट देने, नगद आर्थिक मदद देने, सभी प्रवासी मजदूरों को मुफ्त परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने तथा सबको मुफ्त टीका उपलब्ध कराने की मांग की।

प्रदेशव्यापी प्रदर्शन के आह्वान के तहत जिले के भी गांव-गांव में किसान सभा के बैनर तले किसानों ने आंदोलन में भाग लिया। छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर और जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर की चेतावनी मिलने के बाद भी सरकारें हाथ पर हाथ धरे बैठी रही, जिसके कारण आक्सीजन, दवाईयों और बिस्तरों के अभाव में देशवासियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है। सभी को मुफ्त टीका देने का केंद्र सरकार का वादा दूसरी वादों की तरह फिर जुमला साबित हुआ है और मुफ्त सार्वभौमिक टीकाकरण की अपनी जिम्मेदारी से सरकार मुकर गई है। उन्होंने कहा कि ऐसी सरकार को सत्ता में रहने का अधिकार नही है। किसान सभा नेताओं ने कहा कि राज्य सरकारों के लाकडाउन लागू करने से लाखों प्रवासी मजदूर फिर से घर-वापसी के लिए बाध्य हुए हैं। लोगों की आजीविका खत्म होने का नतीजा यह हो रहा है कि वे भुखमरी का शिकार हो रहे हैं। लेकिन अभी तक सरकार ने पीड़ित लोगों की मदद के लिए कोई कदम नहीं उठाए हैं, जबकि उन्हें मुफ्त अनाज किट और नगद आर्थिक सहायता की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि केंद्र की नीति से आम जनता का एक बड़ा हिस्सा को टीकाकरण से दूर रहेगा, इससे कोरोना महामारी पर नियंत्रण पाना मुश्किल होगा। सभा ने मांग की है कि मुफ्त सार्वभौमिक टीकाकरण के लिए केंद्रीय बजट में इस लिए आबंटित 35000 करोड़ रुपयों का उपयोग किया जाए।

किसान सभा नेताओं ने बताया कि इन मांगों के साथ ही इस प्रदेशव्यापी प्रदर्शन के जरिये किसान विरोधी तीनों कानूनों को वापस लेने और सी.2 लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने का कानून बनाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि देश की कृषि कानूनों को जब तक निरस्त नहीं किया जाता, तब तक देशव्यापी किसान आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शन में प्रमुख रूप से जवाहर सिंह कंवर, प्रशांत झा,संजय यादव, दीपक कंवर, श्याम यादव के साथ माकपा पार्षद और किसान सभा की कार्यकर्ता राजकुमारी कंवर प्रमुख रूप से शामिल हुए।

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