छत्तीसगढ़: ढाई- ढाई साल के सी एम दिल्ली तलब, मची खलबली
नईदिल्ली 22 अगस्त। छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल के सी एम का मसला एक बार फिर उबाल पर है। सी एम भूपेश बघेल और प्रतीक्षारत सी एम टी एस सिंहदेव निर्णायक दौर में पहुंच गए हैं। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने दोनों नेताओं को 24 अगस्त को दिल्ली तलब किया है।
भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार सी एम भूपेश बघेल ढाई साल की पारी खेल चुके, लेकिन पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं। वहीं प्रतीक्षारत सी एम टी एस सिंहदेव अपनी पारी आने की हाईकमान को लगातार याद दिला रहे हैं। आग में घी का काम विधानसभा के मानसून सत्र में विधायक वृहस्पति सिंह के आरोप ने कर दिया। दिल्ली में चर्चा है कि विधायक ने सोची समझी योजना के तहत विवाद पैदा किया ताकि टीएस सिंहदेव को हाईकमान की नजर में विलेन साबित किया जा सके।
इसी कड़ी में दो दिन पूर्व एक और घटना हुई। अवसर था सरगुजा में कांग्रेस कार्यालय के उदघाटन का। सरगुजा के महाराजा और कद्दावर पार्टी नेता टी एस सिंहदेव के हाथों कार्यालय का शुभारंभ होने के बाद सी एम भूपेश बघेल के करीबी कहे जाने वाले केबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने कार्यालय का दोबारा उद्घाटन किया। कभी प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत प्रमोद कुमार जोगी के ख़ास सिपहसालार रहे अमरजीत भगत, इन दिनों भूपेश बाहुबली के कटप्पा की भूमिका में बताए जा रहे हैं।
इसे अचंभा ही कहा जायेगा कि एक समय जय – वीरू की जोड़ी बनाकर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत प्रमोद कुमार जोगी से लोहा लेने वाले बघेल और सिंहदेव अब दो विपरीत ध्रुव बनकर उभरे हैं। खास बात यह भी है कि ढाई साल की पारी खत्म होने पर मीडिया की खबरों को नकारने और उसे मीडिया की गॉसिप बताने वाले अब गंभीरता से नहीं लिए जा रहे हैं। दरअसल हाल ही में 14 अगस्त को विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने इशारे ही इशारे में कह दिया कि सरकार बनाते समय चार खिलाड़ी सेमी फाइनल खेल रहे थे। अब दो खिलाड़ी बचे हैं। राजनीतिक विश्लेषक इसे परोक्ष रूप से ढाई ढाई साल के फार्मूले की पुष्टि मान रहे हैं।
बहरहाल छत्तीसगढ़ में जारी इस घमासान के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राखी के बाद, यानी 24 अगस्त को ढाई-ढाई साल के दोनों सी एम को दिल्ली तलब किया है। इस बीच खबर है कि टी एस सिंहदेव अब अंतिम लड़ाई का मंसूबा बना चुके हैं। कहा जा रहा है कि टी एस सिंहदेव परम्परागत कांग्रेस परिवार से हैं इसलिए कोई ऐसा कदम नहीं उठा रहे जिससे पार्टी में बिखराव आये। सूत्रों का यह भी कहना है कि टी एस सिंहदेव के पक्ष में पांच मंत्री और 21 कांग्रेस विधायक हैं। इनमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्हें सी एम भूपेश बघेल ने संसदीय सचिव बना रखा है। हालांकि ये अभी खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। लेकिन जरूरी हो जाने पर सभी टी एस सिंहदेव के साथ खड़े होने में देर नहीं करेंगे। सूत्रों के अनुसार छत्तीसगढ़ के प्रतीक्षारत सी एम- टी एस सिंहदेव दिल्ली पहुंच गए हैं, जबकि सी एम भूपेश बघेल 23 अगस्त को अपना जन्मदिन मनाने के बाद 24 अगस्त को दिल्ली पहुंचेंगे। आशंका जताई जा रही है कि यह मसला छत्तीसगढ़ कांग्रेस को विभाजित कर सकता है।