November 25, 2024

केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने मेगा माईन्स का अवलोकन कर समीक्षा बैठक ली

कोरबा 14 अक्टूबर। केन्द्रीय कोयला मंत्री श्री प्रहलाद जोशी ने बुधवार को छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में साऊथ ईस्टर्न कोलफिल्ड्स की मेगा माईन्स का अवलोकन कर समीक्षा बैठक ली। उन्होंने कोयला का उत्पादन और प्रेषण बढाने का निर्देश प्रबंधन को दिया।

इससे पहले केन्द्रीय कोयला मंत्री श्री प्रहलाद जोशी चकरभाटा हवाई अड्डे से सड़क मार्ग से श्री प्रमोद अग्रवाल चेयरमेन कोल इण्डिया लिमिटेड, श्री व्ही.के. तिवारी अपर सचिव कोयला मंत्रालय भारत सरकार, श्री बी.पी. पति संयुक्त सचिव कोयला मंत्रालय भारत सरकार, एसईसीएल के सीएमडी श्री ए.पी. पण्डा, मुख्य सतर्कता अधिकारी श्री बी.पी. शर्मा, निदेशक तकनीकी (संचालन) श्री एम.के. प्रसाद, निदेशक (वित्त सह कार्मिक) श्री एस.एम. चौधरी, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) श्री एस.के. पाल के साथ कोरबा कोलफील्ड पहुँचे। जहाँ इन्होंने एसईसीएल की दीपका, गेवरा व कुसमुण्डा खदान का दौरा किया। यह खदानें भारत की मुख्य खदानों में से हैं। श्री जोशी ने वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की और उनसे कोयला उत्पादन एवं डिस्पैच बढ़ाने का आव्हान किया।

दीपका कोयला खदान के साइलो लोडिंग सिस्टम का निरीक्षण करते हुए अधिकारियों को सभी बाधाएँ दूर कर थर्मल पावर प्लांट्स को कोयला डिस्पैच बढ़ाने के लिए काम करने का निर्देश दिया। कोयला मंत्री ने छत्तीसगढ़ के दीपका कोयला खदान की रेलवे साइडिंग का दौरा किया। साईडिंग यार्ड में कोयला स्टॉक की स्थिति का अवलोन किया और साईडिंग प्रभारी एवं अन्य अधिकारियों के साथ बातचीत की।

दीपका खदान के बाद श्री जोशी गेवरा माईंस पहुँचे जहाँ उन्होंने खदान का अवलोकन किया एवं खदान की उत्पादन-उत्पादकता एवं डिस्पैच की जानकारी ली। अगले चरण में वे देर शाम कुसमुण्डा साईलो का निरीक्षण कर कोयला परिवहन की प्रक्रिया को बारिकी से देखा।

इसके उपरांत केन्द्रीय कोयला मंत्री श्री जोशी द्वारा समीक्षा बैठक ली गयी जिसमें एसईसीएल के शीर्ष प्रबंधन, राज्य शासन की ओर से कलेक्टर कोरबा तथा एसपी कोरबा एवं मेगा परियोजनाओं के महाप्रबंधक शामिल हुए। इस समीक्षा बैठक में उत्पादन में आ रही प्रत्येक समस्या पर गहनता से विचार किया गया जिनमें कॉन्ट्रैक्ट अवार्ड किया जाना, मानसून, रेल रैक की उपलब्धता, भूविस्थापित, बसाहट आदि मुद्दो पर चर्चा हुई। बैठक में राज्य शासन की ओर से भूविस्थापित एवं अतिक्रमणकारी की समस्या पर काबू एवं निजात पाने में भरसक सहयोग का आश्वासन दिया गया।

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