November 21, 2024

जो समाजवादी सत्ता तक गए उन्होंने समाजवाद को बदनाम किया : रघु ठाकुर

बिलासपुर 18 अक्टूबर। समाजवादी नेता और गांधीवादी विचारक रघु ठाकुर का कहना है कि मंहगाई को नियंत्रित करने के लिए लोहिया ने तीन सूत्र दिए थे। पहला दाम बांधो, दूसरा आय बांधो और तीसरा खर्च बांधो। यदि इन तीनो पर अमल हुआ तो महंगाई को रोक जा सकता है। उन्होंने कहा कि जो समाजवादी सत्ता तक गए उन लोगों ने गंदा उदाहरण पेश किया है। समाजवाद को बदनाम किया है।

प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि दो साल के कोरोना काल ने बड़ा सबक ढिया है। दो तरह की गम्भीर समस्याऐं पैदा कर दी है। एक समस्या बेरोजगारी की तो दूसरी समस्या विषमता की। कोरोना शुरू होते ही सरकार ने लोगों को घरों में कैद करके रख दिया दूसरी और जरूरतें पूरी करने के लिए मशीनीकरण को बढ़ावा दिया। मशीनीकरण से बेरोजगारी पैदा हो गई। सरकार के ही आंकड़ों पर गौर करें तो इस बीच लगभग 13 करोड़ लोग बेरोजगार हुए। जो समूचे समाज के लिए चिंता का विषय है। बेरोजगारी अब अपराधीकरण की ओर बढ़ चली है। लोगों के पास काम नही है। डॉक्टर, इंजीनियर जैसे पढ़े लिखे लोग चपरासी और डोम की नौकरी करने के लिए आवेदन दे रहे है।

दूसरी ओर विषमता बढ़ी है, गरीबी और अमीरी के बीच की खाई बढ़ गई है। हर क्षेत्र के लोगों की आमदनी कम हुई है लेकिन देश के 90 उद्योगपतियों की संपत्ति 43 लाख करोड़ रुपए बढ़ गई है। ये कैसा रहस्य है अध्ययन का विषय है। विषमता की खाई को यदि नहीं पाटा गया तो अन्तरसंघर्ष पैदा होगा।

इस अवसर पर उन्होंने सोसल मीडिया को लेकर भी चिंता ब्यक्त की और कहा कि फेसबुक और इंस्टाग्राम अपने फायदे के लिए वो सब चीजें परोस रहा है जो ब्यक्ति की मानसिकता को विकृत करने वाली है। इससे आगे चलकर बड़ी समस्या पैदा होने वाली है। अभी कोरोना काल मे जो ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हुई है वह स्कूली शिक्षा को पूरी तरह से बर्बाद करने वाली है। दूसरी ओर इस दो साल में 4 करोड़ लैपटॉप और 8 करोड़ के लगभग मोबाइल बिकी है। कंपनियों ने लाखों करोड़ों के मुनाफे कमाए है।

जब उनसे मंहगाई को लेकर सवाल किए गए तो उन्होंने कहा कि सरकार को खेत और उद्योग से उत्पादन होने वाली सामग्री पर टैक्स कम करना होगा। इसके अलावा लोहिया ने जो तीन सूत्र दाम बांधो, आय बांधो और खर्च बांधो को अपनाना होगा। जो भी चीजे बाजार में बिकने के लिए आ रही है उनकी कीमत तय करने होगी, लोगों की आय को भी सीमित करना होगा और लोगों के खर्च पर भी नियंत्रण करना होगा। अभी आप देखेंगे तो पाएंगे कि फाइव स्टार होटलों में बैठकर एक आदमी 25 से 35 हजार रुपए का खाना खा लेता है, ये नहीं चलेगा।

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