छत्तीसगढ़ साहित्य नागेश कश्यप के छत्तीसगढ़ी छन्द Markanday Mishra July 26, 2020 गाँव के गोठहाँसत गाथे तरिया नदिया, रुख हा घलो लजाय।आके झाँकव गाँव हमर गा, सबके मन ला भाय।।धरती दाई के कोरा मा, अन धन के भंडार।नव दुलहिन कस धान ह लागे, जेखर मया अपार।।होत बिहनिया कुहू कुहू गा, मैना तान लगाय।फूल घलो हा चँवरा बइठे, हाँसे अउ मुसकाय।।कोरे गाँथे बेटी जइसन, अँगना सुघर लिपाय।नाचत झूमत पेड़ घलो मन, करतब गजब दिखाय।।पहुना बनके अँगना आथे, सुरुज किरन हा रोज।डारा पाना सुख के बासा, अंतस बसथे सोज।।गाँव म चिरई चुरगुन संगी, सबके मीत मितान।पाथर पाथर देव बरोबर, ठाकुर देव सियान।।——————-+——————-पेड़ लगाववसुनव सुनव गा पेड़ ला, बाढ़न दव झन काट।जीव बचाथे पेड़ हा, जंगल ला झन पाट।।ये भुइँया मा पेड़ ला, सबो डहर बगराव।जग ला सरग बनाव गा, जुरमिल पेड़ लगाव।।झन लेवव तुम छोट मा, होही भारी भूल।पेड़ लगावव पेड़ जी, रहय फेर अनुकूल।।जानव सबझन पेड़ ला, भुइँया के सिंगार।काट काट के पेड़ जी, झन तो बनव जिमार।।जीव जंतु सब पेड़ ले, जियत हवय संसार।ए माटी मा पेड़ के, भारी दया अपार।।——————–+——————-*नागेश कश्यप*कुंवागांव, मुंगेली छ.ग. O7828431744 Spread the word Continue Reading Previous बिलासपुर में अनोखी पहल: हवाई सेवा के लिए रोज अलग-अलग घरों में होगा धरना आंदोलन….Next अब छत्तीसगढ़ रेंजर एशोसिएशन का हुआ गठन Related Articles कोरबा छत्तीसगढ़ एकजुटता से प्रगति पथ अग्रसर बालको – निर्मलेंदु Admin November 3, 2024 कोरबा छत्तीसगढ़ स्तन कैंसर जागरुकता माह: कैंसर का शीघ्र पता लगाने और पूर्वाग्रह मुक्त सम्वाद का चैम्पियन बना वेदांता का बालको मेडिकल सेंटर Admin November 3, 2024 कोरबा छत्तीसगढ़ बालको ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के सपने को कर रहा साकार Admin November 3, 2024