कोरबा छत्तीसगढ़ राजकाज मुख्यमंत्री, वनमंत्री, कांग्रेस पार्टी में तेंदूपत्ता बीमा, बोनस को लेकर भारी विरोधाभाष, बीमा, बोनस, लाभांश, छात्रवृत्ति सब बंद Markanday Mishra August 4, 2020 31 मई 2019 तक बीमा बंद होने का प्रमाण पेश करें वनमंत्री । राज्य सरकार की लापरवाही से नहीं हुआ बीमा – बृजमोहन अग्रवालरायपुर 4अगस्त। भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि वनमंत्री द्वारा राज्यपाल को लिखे गए पत्र बाहर आने से यह बात अब स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस सरकार ने गरीब आदिवासी तेंदूपत्ता संग्राहको को पिछले दो साल के बोनस, लाभांश, छात्रवृत्ति व बीमा से वंचित कर रखा है। राज्य सरकार के लापरवाही के कारण ही 31/05/2019 को बीमा योजना का नवीनीकरण नहीं हो पाया। बिना बीमा के इस दौरान आकस्मिक व दुर्घटना जनित मौत व एक्सीडेंटल केस से प्रभावित आदिवासी परिवारों को सहायता कहां से मिलेगी, कितनी मिलेगी ? इस पर विभाग ने मौन साध रखी है। वन विभाग, वनमंत्री व मुख्यमंत्री कार्यालय के बीच संवादहीनता का इससे बड़ा उदाहरण क्या होगा कि बीमा व बोनस पर मंत्री, मुख्यमंत्री व सत्ताधारी पार्टी के अलग-अलग तथ्य व बयान आ रहे हैं। वनमंत्री इसी कारण इस मामले में स्वेतपत्र जारी करने से डर रही है।श्री अग्रवाल ने वनमंत्री के पत्र के बाद, फिर तीखे हमले करते हुए कहा कि वनमंत्री ने ये क्यों नहीं बताया कि 31 मई 2019 को बीमा का नवीनीकरण क्यों नहीं कराया गया। क्यों तेंदूपत्ता संग्राहकों को दो वर्ष का बोनस, लाभांश व छात्रवृत्ति नहीं दी गई। इसके लिए दोषी कौन-कौन है, अनेक बीमा नहीं होने से पीड़ित आदिवासी परिवार सहायता के लिए दर दर भटक रहे हैं। वहीं शिक्षारत बच्चों की शिक्षा भी प्रभावित हुई है, आखिर इसके लिए दोषी कौन ? इनके खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है। क्यों सरकार 18 माह तक तेंदूपत्ता संग्राहकों का डाटा इकट्ठा नहीं कर पाई।श्री अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी, मुख्यमंत्री व वनमंत्री के बयान में ही भारी विरोधाभाष है। कांग्रेस पार्टी का फोल्डर ‘‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’’ में छत्तीसगढ़ सरकार तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए शुरू करेगी-बीमा योजना में कहा गया है कि इस योजना में संग्राहकों की सामान्य मृत्यु पर 1 लाख रूपये व विकलांग होने पर 50 हजार रूपये देने का प्रावधान है। राज्य सरकार तेंदूपत्ता संग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा योजना लेकर आयेगी, वहीं वनमंत्री कह रहे हैं 2 लाख व 4 लाख देंगे। श्रम विभाग की योजना नहीं, अलग से बीमा करायेंगे। आखिर झूठ कौन बोल रहा है ? कांग्रेस पार्टी ? या वनमंत्री ?श्री अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री के अधिकृत ट्वीटर ‘सीएमओ छत्तीसगढ़‘ से 1 जुलाई को ट्वीट किया गया कि प्रदेश के 13 लाख तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को लगभग 650 करोड़ राशि का भुगतान ? वहीं वनमंत्री ने राजभवन को बताया कि तेदूपत्ता संग्राहकों के सिर्फ 1 वर्ष 2018 का ही बोनस का अभी भुगतान किया जायेगा। छत्तीसगढ़ लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित का प्रस्ताव विभाग के माध्यम से शासन को गया है यह भी वर्ष 2018 का एक ही वर्ष का बोनस लगभग 238 करोड़ रूपये का वितरण का है तो फिर यह स्पष्ट होना चाहिए कि वनमंत्री जी एक साल का बोनस दे रहे हैं या मुख्यमंत्री जी दो साल का बोनस दे रहे हैं?श्री अग्रवाल ने कहा भारतीय जीवन बीमा निगम ने 4/5/2019 को बीमा नवीनीकरण को लेकर विभाग को पत्र लिखा था। राज्य सरकार ने गलती कि, विभाग ने गलती की और बीमा की अंतिम तिथि 31/05/2019 तक पैसा जमा नहीं किया और न ही डाटा जमा किया। राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा यूनियन को लगातार लिखे गए 4 पत्र इस बात की तकदीस करती है कि 30/10/2019 तक वे डाटा ही इकट्ठा नहीं कर पाए थे। वहीं बीमा के लिए राज्य सरकार को सिर्फ 37.5 प्रतिशत राशि देनी थी। बाकी 50 प्रतिशत केन्द्र सरकार व 12.5 प्रतिशत लघु वनोपज संघ को देना था। अंतिम तिथि तक राज्य सरकार ने बीमा कंपनी के बार-बार पत्र लिखने के बाद भी अपनी राशि जमा नहीं की। इसी लापरवाही के कारण ही बीमा का नवीनीकरण नहीं हुआ व आदिवासी संग्राहक अपने हक से वंचित हुए है। उन्होंने राज्य सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि राज्य सरकार एक भी प्रमाण बताये कि केन्द्र सरकार ने 31/05/2019 को योजना बंद कर दी थी।श्री अग्रवाल ने कहा कि आदिवासियों की गाढ़ी कमाई का उनका पैसा जो उनके समितियों को लाभांश के रूप में मिलती है जिससे उन सबका शेयर होता है उसे जारी करने पर सरकार चुप क्यों है। वनमंत्री क्यों दो वर्ष के लाभांश जारी करने पर चुप है।श्री अग्रवाल ने कहा सुदूर वनवासी इलाकों में तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे वहीं रहने वाले 10 हजार तेंदूपत्ता फड़ मुंशी का भी बीमा का नवीनीकरण इस सरकार ने 31 मई 2019 से नहीं कराया जिसके कारण इनका भी बीमा अब तक नहीं हुआ है, मंत्री इस पर चुप क्यों है।श्री अग्रवाल ने कहा कि तेंदूपत्ता संग्राहक आदिवासी व उनसे जुड़े सभी संस्थाएं भी आदिवासी क्षेत्रों की है और वहां पर 5वीं अनुसूची लागू है पर यह सरकार पूरी तरह पांचवी अनुसूची का उल्लंघन कर आदिवासी संग्राहकों के उपर आर्थिक अत्याचार कर रही है। Spread the word Post Navigation Previous मैत्री महिला समिति एन टी पी सी ने वितरित किया तुलसी का पौधाNext मुंगेली : वृक्षारोपण ने बदली गाँव की तस्वीर..होलहा बाग समिति का सार्थक प्रयास Related Articles कोरबा छत्तीसगढ़ जुराली में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने फिर किया विरोध ज्यादा मुआवजा की मांग पर बार बार हो रहा प्रदर्शन Admin December 23, 2024 कोरबा छत्तीसगढ़ बिलासपुर संभागायुक्त ने कोसाबाड़ी जोन में आयोजित जनसमस्या निवारण शिविर का किया निरीक्षण Admin December 22, 2024 कोरबा छत्तीसगढ़ बोर्ड के प्रैक्टिकल एग्जाम 10 जनवरी से Admin December 22, 2024