November 22, 2024

बेसहारा बच्चे को अमेरिकी दंपति ने लिया गोद

कोरबा 4 मई। मातृछाया में पल रहा दो साल के मासूम बेसहारा को अमेरिकी दंपति का गोद मिल गया है। लंबी वैधानिक प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद सोमवार को एक समारोह के दौरान वैधानिक ढंग से दंपति के सुपुर्द बच्चे को किया गया। इस मौके पर सेवा भारती के पदाधिकारी उपस्थित रहे।   

भारत सदियों से अपनी संस्कृति और विरासत के लिए विश्व धरातल पर जाना जाता है। इसी कड़ी में महिलाओं द्वारा अलग-अलग 16 राज्यों के परिधान पहन कर विदेशी दंपति का स्वागत किया। साथ ही विदेशी दंपती को भी कुर्ता पैजामा व साड़ी पहना कर भारतीय संस्कृति अनुसार विधिवत गोद भराई का रस्म पूरा करते हुए दंपति को बच्चा सौंप दिया गया। निहारिका स्थित सामुदायिक भवन में दत्तक ग्रहण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कल्पना पटेल, कृष्णा हास्पिटल की संचालिका डा प्रीति उपाध्याय, वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक तिवारी व सेवा भारती के अध्यक्ष डा विशाल उपाध्याय उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन अभिषेक शर्मा ने किया। इस अवसर पर कोरबा शहर के गणमान्य नागरिक व सेवा भारती समिति के सदस्य उपस्थित रहे। जन्म के साथ बेसहारा हो गए बच्चे को जिला अस्पताल से मातृ छाया भेज दिया गया था। सेंट्रल एडाप्शन रिसोर्स अथारिटी कारा के वेबसाइट में बच्चे की फोटो व वीडियो गोदनामा में देने के लिए अपलोड किया गया था। वर्ष 2020 में अमेरिका के साउथ कैरोलिना में बिशप पाइन ड्राइव किसन में रहने वाले दंपत्ति की नजर इस बच्चे पर पड़ी और उन्होंने इसे गोद लेने की इच्छा जाहिर की। अमेरिका की संस्था अथराइज्ड फारेन एडाप्शन एजेंसी एएफएए व कारा के संयुक्त प्रयास से दंपती का आवेदन स्वीकृत कर लिया गया। विशेष बच्चे को गोद लेकर उसका समुचित उपचार व लालन- पालन की जिम्मेदारी निभाना चाहते हैं। इसके लिए बकायदा उन्होंने कोर्ट की प्रक्रिया पूरी की है। करीब एक माह पहले दंपति ने कोरबा के कुटुम्ब न्यायालय में उपस्थित हुए और दस्तावेजों का सत्यापन कराया। गोदनामे की वैधानिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद निहारिका स्थित दशहरा मैदान के सामुदायिक भवन में दत्तक ग्रहण समारोह में विधिवत गोदनामे पर दिया गया। बच्चे का पासपोर्ट व वीजा बनाने की प्रक्रिया पूर्ण की जा रही है। पासपोर्ट सेवा कार्यालय में बच्चे को गोद लेने वाले अभिभावकों ने आवेदन लगाया है। अमेरिका में बच्चे को नागरिकता दिलाने की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। बच्चे को परिवार मिल जाएगा। मातृ छाया कोरबा से 28 बच्चों को गोद दिया जा चुका है, पर पहली बार यह हुआ है कि विदेश में रहने वाले दंपती ने विशेष बच्चे को गोद लिया है।

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