हाथियों की निगरानी करने के लिए वन विभाग ने बनाया पेट्रोलिंग कैंप
0 हाथियों की गतिविधियों पर रखी जा रही नजर
कोरबा। एक दशक से ज्यादा समय बीतने के बाद भी कोरबा वनमंडल में हाथियों के उत्पात की समस्या जस की तस बनी हुई है। कई प्रकार की योजनाएं और उनके क्रियान्वयन के बाद भी नतीजे सिफर हैं। इस बीच अब हाथियों की निगरानी करने के लिए वन विभाग पेट्रोलिंग कैंप कर रहा है।
कोरबा जिले में दो वनमंडल के अंतर्गत जंगली जानवरों की आमदरफ्त बने रहने के बीच सबसे अधिक चर्चा हाथियों को लेकर हो रही है। झारखंड और ओडिशा के रास्ते कोरबा जिले में प्रवेश करने वाले हाथी विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को नुकसान पहुंचाने के साथ फसल और अन्य संपत्ति भी चौपट कर रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए वनमंडल कोरबा ने कई इलाकों में पेट्रोलिंग कैंप शुरू किया है, ताकि हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। वनमंडल अधिकारी ने बताया कि पेट्रोलिंग कैंप के अलावा विभाग की ओर से पब्लिक रेस्क्यू कैंप भी चलाए जा रहे हैं, ताकि हाथियों प्रवेश करने की स्थिति में उनकी रक्षा हो सके। कोरबा जिले में हाथियों के हमले में बीते वर्षों में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है। जनहानि के मामलों में वन विभाग ने दी जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि को 4 लाख से बढ़ाकर 6 लाख रुपये किया हुआ है। फसल और संपत्ति के नुकसान के मामलों में उपलब्ध कराई जाने वाली राहत का भी पुनरीक्षण किया गया है, ताकि प्रभावित पक्ष को सहूलियत हो सके।