October 6, 2024

निजी कंपनी के बाउंसर ने ट्रक ड्राइवर का फोड़ा सिर, आक्रोशित सहकर्मियों ने किया काम बंद हड़ताल

0 ड्राइवरों के लिए पहल कर 20 हजार रुपया तत्कालिक सेवा और परिवार को पूरा सहयोग करने की इंटक नेता ने की मांग
कोरबा (दीपका)।
साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) दीपका परियोजना अंतर्गत आउटसोर्सिंग एक निजी कंपनी कलिंगा में सुबह 6 बजे प्रथम पाली में वोल्वो ड्राइवरों की जांच व सुरक्षा के लिए चेकिंग करने के दौरान बाउंसर का किसी बात को लेकर प्रेमचंद पटेल के साथ विवाद हो गया। आक्रोशित बाउंसर ने प्रेमचंद के सिर पर किसी वजनदार सामान से सिर पर वार कर दिया। इससे उसका सिर फट गया।
यह घटना दीपका क्षेत्र में आग की तरह फैल गई और इंटक जिलाध्यक्ष श्यामू जायसवाल अपने कार्यकर्ताओं के साथ कंपनी के कैंप पहुंचे और प्रबंधन के खिलाफ ड्राइवरों के साथ काम बंद हड़ताल कर नारेबाजी शुरू कर दिया। ड्राइवरों की सुरक्षा, मेडिकल और अन्य सुविधाओं के लिए कंपनी प्रबंधन और एसईसीएल से मांग की गई। आउटसोर्सिंग निजी कंपनी के प्रबंधक ने बाउंसर की गलती को स्वीकार करते हुए तत्काल बाउंसरों को काम से बाहर किया। इंटक जिलाध्यक्ष जायसवाल ने साफ शब्दों में कंपनी के प्रबंधक को कहा कि मजदूरों के साथ शोषण व अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस तरह की घटना दोबारा न हो और प्रेमचंद पटेल के परिवार को कंपनी के नियम अनुसार पूरा सहयोग करें अन्यथा कंपनी को बंद कर दिया जाएगा। कंपनी प्रबंधक ने सारी बातों को स्वीकार करते हुए कहा कि परिवार और प्रेमचंद पटेल को तत्कालिक सेवा के रूप में 20 हजार रुपये प्रदान किया जाएगा और भविष्य में कर्मचारियों के प्रति ध्यान रखा जाएगा। इस आश्वासन के बाद काम बंद हड़ताल को खत्म किया गया।

राष्ट्रीय मजदूर इंटक कांग्रेस के जिला अध्यक्ष श्यामू जायसवाल ने बताया कि कोरबा जिले में स्थित एसईसीएल की दीपका परियोजना खदान में एक बाउंसर ने ट्रक चालक की पिटाई कर दी। मारपीट की घटना में चालक प्रेमचंद पटेल का सिर फट गया। इसके बाद आक्रोशित श्रमिकों ने खदान के भीतर काम बंद हड़ताल कर बाउंसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग शुरू कर दी। इस बीच कर्मचारियों की बाउंसर के साथ हाथापाई भी हुई। खदान में कार्यरत ठेका कंपनी के बाउंसर ने कंपनी के ही चालक के साथ मारपीट करते हुए उसका सिर फोड़ दिया। उन्होंने यह भी बताया कि श्रमिक दिवस के एक दिन पहले हुए इस घटना के बाद अन्य श्रमिक भी आक्रोशित हो गए और काम बंद हड़ताल करते हुए बाउंसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। घायल प्रेमचंद को उपचार के लिए नेहरू शताब्दी हॉस्पिटल भेजा गया।

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