गेवरा विस्तार को लेकर जनसुनवाई में लोगों ने रखी अपनी बात
0 70 मिलियन टन के साथ गेवरा होगी एशिया की सबसे बड़ी खदान
कोरबा। एसईसीएल गेवरा परियोजना के विस्तार को लेकर मंगलवार को जन सुनवाई आयोजित हुई। इसमें पर्यावरणीय स्वीकृति को लेकर प्रभावित ग्राम के ग्रामीणों ने अपनी बातें रखी। जनसुनवाई में विरोध को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किए गए थे।
मेगा प्रोजेक्ट गेवरा की वर्तमान उत्पादन क्षमता 52.5 मिलियन टन है। इसका विस्तार कर सालाना 70 मिलियन टन कोयला खनन की योजना है। इसके लिए छह जून को गेवरा स्टेडियम में पर्यावरणीय जनसुनवाई का आयोजन किया गया। पर्यावरणीय स्वीकृति के बाद गेवरा उत्पादन की दृष्टि से एशिया की सबसे बड़ी खदान बन जाएगी। गेवरा खदान विस्तार के लिए प्रबंधन की योजना खदान के आसपास स्थित 1475.99 एकड़ (597.31) हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित करने की है। वर्तमान में गेवरा खदान 4184.48 हेक्टेयर में फैला हुआ है। 597.31 हेक्टयर जमीन अधिग्रहित होने के बाद खदान का विस्तार 4781.79 हेक्टेयर में हो जाएगा। पिछले साल 50 मिलियन टन उत्पादन वित्तीय वर्ष 2022-23 में गेवरा से 50 मिलियन टन कोयला खनन किया गया है, जो देश में किसी एक खदान से अब तक का सबसे बड़ा खनन है।
चालू वित्तीय वर्ष में गेवरा से 60 मिलियन टन कोयला खनन का लक्ष्य रखा गया है। उत्पादन लक्ष्य को लेकर गेवरा प्रबंधन आगे बढ़ रहा है। सब कुछ ठीक रहा तो काले हीरे की नगरी कोरबा जल्द एशिया महाद्वीप में अपनी अलग पहचान बनाने जा रही है। यहां की गेवरा खदान से सालाना 70 मिलियन टन कोयला खनन के लिए पर्यावरणीय जनसुनवाई की गई है, जिसमें आम लोगों ने अपनी राय रखी है। खदान विस्तार को लेकर आसपास रहने वाले ग्रामीणों की राय लेने के बाद जिला प्रशासन फाइल को पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए केन्द्रीय पर्यावरणीय, वन और जलवायु परिवतन मंत्रालय को भेजेगा। मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद गेवरा से सालाना 70 मिलियन टन कोयला खनन का रास्ता साफ हो जाएगा। पर्यावरणीय जनसुनवाई को सफल बनाने के लिए गेवरा प्रबंधन कोरबा जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहा है।
0 विस्तार से यह गांव होंगे प्रभावित
प्रबंधन की योजना ग्राम गेवरा, मनगांव, घाटमुंडा, ढुरैना, दीपका, जूनाडीह, बरेली, बिंझरी, बेलटिकरी, झिंगटपुर, पोड़ी, कुसमुंडा, अमगांव, रलिया, बाम्हनपाठ, भठोरा, भिलाई बाजार, नरइबोध, खोड़री, चुरैल, सलोरा, पंडरीपानी, बतारी, केशला और बरभांटा की जमीन तक कोयला खदान विस्तार की है। इसके लिए जनसुनवाई आयोजित हुई।
0 मंजूरी मिलने का इंतजार
उत्पादन की दृष्टि से इंडोनेशिया की संगट्टा ओपन कॉस्ट खदान दुनिया की सबसे बड़ी खदान है। वर्ष 2021 में यहां से 51.4 मिलियन टन कोयला खनन किया गया है। इस अवधि में गेवरा से 45 मिलियन टन कोयला बाहर निकाला गया था। कोल इंडिया की ओर से बताया गया कि पर्यावरणीय जनसुनवाई पूरी होने और केंद्र सरकार से खनन की मंजूरी मिलने के बाद गेवरा संगट्टा खदान को पीछे कर एशिया की सबसे बड़ी खदान बन जाएगी।