राज्यपाल व राष्ट्रपति पुरस्कृत शिक्षकों की हुई ऑनलाइन बैठक
0 सेवानिवृत्ति में दो वर्ष की बढ़ोतरी व आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पर बनी सहमति
कोरबा। छत्तीसगढ़ राज्य मध्यप्रदेश का हिस्सा है और 1 नवंबर 2000 को जब छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ तो उसमें मध्यप्रदेश के अधिकांश कानूनों को ज्यों का त्यों अपना लिया गया। कुछ कानून ऐसे भी थे जिन को ताक पर रखकर छोड़ दिया गया। इसी में से एक कानून था राज्यपाल एवं राष्ट्रपति पुरस्कृत शिक्षकों को सेवानिवृत्ति में दो वर्ष की बढ़ोतरी एवं आउट आफ टर्न प्रमोशन देने का।
हाल ही में यह मुद्दा तब आगे बढ़ा जब छत्तीसगढ़ राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर शिक्षा विभाग के विभिन्न पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया क्रमवार जारी की गई, परंतु इस प्रक्रिया से उन शिक्षकों को मायूसी हाथ लगी जिनको भारत के राष्ट्रपति एवं राज्यपाल के हाथों पुरस्कृत होने का अवसर मिला हो। इन शिक्षकों की मायूसी का कारण यह था कि किसी भी विभाग में जब किसी भी कर्मचारी को भारत के राष्ट्रपति एवं राज्यपाल के हाथों पुरस्कृत होने का अवसर प्राप्त होता है, तो उक्त विभाग में यह नियम पहले से बनी हुई है जिसके तहत उक्त कर्मचारी को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन का प्रावधान पहले से तय कर दिया गया है। इस आउट ऑफ टर्न प्रमोशन का उन्हें लाभ यह मिलता है कि वह अन्य कर्मचारियों से आगे का पद ग्रहण करते हुए अपने कर्तव्यों का भली-भांति निर्वहन उत्कृष्ट ढंग से करते हैं। उनके इस प्रकार के प्रमोशन का सबसे बड़ा प्रभाव यह पड़ता है कि अन्य कर्मचारी भी उनके कार्यों से प्रभावित होकर उसी तरह का कार्य करने को प्रेरित होते हैं। अक्सर पुलिस विभाग में इस प्रकार की पदोन्नति देखी गई है, परंतु शिक्षा विभाग की बात किया जाए तो आज तक इस प्रकार की पहल किसी भी शासन ने नहीं की। जबकि मध्य प्रदेश सरकार की नियमावली में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि यदि कोई भी शिक्षक राष्ट्रपति एवं राज्यपाल के हाथों पुरस्कृत होते हैं तो उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन स्पष्ट रूप से दिया जाना है। इसी बात को लेकर के राष्ट्रपति एवं राज्यपाल पुरस्कृत शिक्षकों के संगठन की एक ऑनलाइन बैठक रखी गई। इस बैठक में सेवानिवृत्ति दो वर्ष बढ़ोतरी व आउट ऑफ टर्न प्रमोशन की बात मुख्य रूप से रखी गयी। संघ के प्रमुख राज्य एवं राष्ट्रीय अवार्डी फोरम के प्रदेश सचिव विष्णु शर्मा के संयोजन में अनेक शिक्षकों ने शिरकत की। इनमें राजेंद्र जायसवाल, अनुराग तिवारी जांजगीर, राकेश टंडन, बीपी चंद्राकर, चुरामणी, कृष्णा कुमार, मुन्ना लाल, सागर, साहिल सोनी, सुरेश राठौर, टेकराम साहू, विजय सहित कई व्याख्याता एवं शिक्षक शामिल रहे। इन सभी ने मिलकर यह निर्णय लिया कि राज्य शासन के समक्ष इस बात का अनुरोध किया जाएगा कि राज्यपाल और राष्ट्रपति पुरस्कृत शिक्षकों को भी आउट आफ टर्न प्रमोशन शासन की ओर से दिया जाए।