सर्वाधिक कोयला डिस्पैच का कुसमुंडा खदान ने बनाया रिकॉर्ड
0 एक दिन में किया 1 लाख 43 हजार 868 टन आपूर्ति
कोरबा। वैसे तो मानसून के दौरान खदानों से कोयला उत्पादन और डिस्पैच की गति धीमी हो जाती है। मगर अच्छी बारिश नहीं होने से कोयला खदानों में उत्पादन और उठाव ने जोर पकड़ लिया है। इसी कड़ी में एसईसीएल कुसमुंडा खदान ने 1 दिन में सर्वाधिक कोयला उठाव का रिकॉर्ड बनाया है। खदान से 24 घंटे के भीतर 23 रैक कोयला विभिन्न पावर प्लांट को आपूर्ति की गई है। इस वित्तीय वर्ष का 1 दिन में सर्वाधिक 1,43,868 टन कोयला डिस्पैच का रिकॉर्ड कंपनी ने बनाया है।
एसईसीएल को मौजूदा वित्त वर्ष में 200 मिलियन टन कोयला उत्पादन और उठाव का टारगेट दिया गया है। इस टारगेट का सर्वाधिक कोयला कोरबा में संचालित मेगा परियोजनाओं गेवरा, कुसमुंडा और दीपका से पूरा किया जाना है। गेवरा को जहां 60 मिलियन का टारगेट है तो दूसरी बड़ी खदान कुसमुंडा को 50 मिलियन लक्ष्य हासिल करना है। इस लक्ष्य को हासिल करने एसईसीएल पूरा जोर लगा रहा है। मुख्यालय के अधिकारी लगातार मेगा परियोजनाओं का जायजा लेकर मानसून की तैयारियों का निरीक्षण कर रहे हैं, जिसका सकारात्मक परिणाम कोयला उत्पादन और उठाव पर दिखाई देने लगा है। एसईसीएल कुसमुंडा एरिया के श्रमवीरों की बदौलत इस वित्तीय वर्ष सर्वाधिक कोयला उठाव का कीर्तिमान स्थापित हो चुका है। खदान से निकलने वाला अधिकांश कोयला रेल के माध्यम से विभिन्न संयंत्रों को भेजा जाता है। खदानों में पर्याप्त कोयला स्टाफ मौजूद है। पर्याप्त रैक उपलब्ध होने से भी अब उठाव ने भी गति पकड़ ली है। इसी क्रम में 20 जुलाई को सर्वाधिक कोयला उठाव का रिकॉर्ड बना है।