October 2, 2024

वातावरण में कोल डस्ट घोल रही बिना तिरपाल ढंके दौड़ रही मालगाड़ियां

0 जिम्मेदार विभाग नहीं कर रहा कार्रवाई
कोरबा।
रेल प्रबंधन बिना तिरपाल ढंके रोजाना 40 से 45 रैक कोयला से लदी मालगाड़ियां शहर के बीच में दौड़ा रही है। इससे कोल डस्ट वातावरण में घुल रही है। पर्यावरण दूषित हो रहा है, लेकिन जिम्मेदार विभाग रेल प्रबंधन पर कार्रवाई नहीं कर रहा है।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर अंतर्गत कोरबा के गेवरा, दीपका, कुसमुंडा, जूनाडीह व मानिकपुर साइडिंग से कोयला परिवहन किया जा रहा है। मालगाड़ियां शहर से होकर गुजर रही हैं। इसके बाद भी रेल अफसर पर्यावरण प्रदूषण जैसी समस्या को लेकर गंभीर नहीं है। रेल प्रबंधन की ओर से कोयला लदान के लिए लोगों की सुविधाओं तक को दनकिनार किया जा रहा है। एक ओर जहां साइडिंग पर कोयला लदान के दौरान पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ मालगाड़ी के वैगन में कोयला लदान के बाद तिरपाल से नहीं ढंका जा रहा है। कोयला से लदे वैगन को खुला कर मालगाड़ियों का परिचालन किया जा रहा है। इससे कोल डस्ट उड़कर वातावरण में घुल रही है। गाड़ी की रफ्तार अधिक होने से कई बार वैगन का कोयला पटरी पर गिर रहा है।
फाटक के समीप वैगन से कोयला गिरने पर छिंटककर लोगों को लगने का खतरा है। इससे हादसे की आशंका बनी हुई है। बावजूद इसके रेलवे प्रबंधन तिरपाल ढंकने को लेकर गंभीर है और न ही पर्यावरण विभाग इसे लेकर कार्रवाई कर रहा है। शहर में स्थित फाटकों के रेल लाइन मरम्मत के बाद रेलवे प्रबंधन की ओर से सड़क के मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया गया। उबड़-खाबड़ सड़क के कारण लोगों को आवाजाही में काफी असुविधा हो रही है। दोपहिया, चार पहिया, मालवाहक, ऑटो सहित अन्य वाहनों के पहिए फंस रहे हैं। इससे दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। फाटक पर मरम्मत कराने ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
0 हर 10 से 15 मिनट में बंद हो रहा फाटक
रेलवे प्रबंधन पर कोयला लदान का दबाव बढ़ गया है। ऐसे में कोयला लदान में तेजी लाने के लिए रैक की संख्या प्रबंधन बढ़ाने पर जोर दे रही है। रोजाना 40 से 45 रैक कोयला लदान कर गुजर रही है। इसके चलते शहर के सर्वमंगला चौक, पावर हाउस रोड, संजय नगर, इमलीडुग्गू सहित अन्य रेलवे फाटक हर 10 से 15 मिनट में बंद हो रही है। सिग्नल नहीं होने से कई बार फाटक पर मालगाड़ियां खड़ी की जा रही है। फाटकों के पास जाम की स्थिति निर्मित हो रही है। इसे लेकर लोगों में नाराजगी बढ़ रही है।

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