मेवों के दामों में उछाल से किमामी सेवई की मिठास और महंगी
कोरबा। ईद पर मेहमानों का मुंह मीठा कराना सेवई के बगैर अधूरा है। बेटियों और रिश्तेदारों की त्योहारी भी सेवइयों के बिना पूरी नहीं होती। बाजार में इसकी खरीदारी में अब तेजी आ गई है। बाजार में कई किस्म की सेवइयां हैं, लेकिन मेवों के बगैर इनकी लज्जत परवान नहीं चढ़ती। इस बार मेवों के दामों में उछाल से किमामी सेवई की मिठास और महंगी हो गई है।
इस बार सेवई के दाम में इजाफा हुआ है, वहीं मेवों के दाम आसमान पर हैं। त्योहारी के लिए सबसे ज्यादा मांग जीरो नंबर वाली बारीक सेवई की होती है। किमामी सेवई इसी से बनती है। लिहाजा इसकी जरूरत हर घर को होती है। इसे देखते हुए कोरबा के प्रमुख बाजारों में सेवई की दुकानें सजने लगी हैं। सेवई व्यापारी बताते हैं कि सेवइयों में सबसे ज्यादा मांग जीरो नंबर वाली की होती है। इसके अलावा बेटियों व रिश्तेदारों को त्योहारी देने के लिए सबसे ज्यादा डिमांड डिब्बा बंद सेवई की रहती है। मेवा व्यापारी कहते हैं कि इस बार मेवे के दाम काफी बढ़े हैं। 1300 से 1400 रुपये किलो में मिलने वाली चिरौंजी इस बार 2700 से 2800 रुपये की हो गई है। इसके अलावा मखाना, काजू, बादाम के दाम भी आसमान पर हैं।