November 24, 2024

पीडिया मुठभेड़ की हो न्यायिक जांच, दोषियों पर हो कड़ी कार्रवाई : सीपीआई

0 कलेक्टर को सौंपा गया ज्ञापन
कोरबा।
सीपीआई जिला कोरबा के जिला सचिव पवन कुमार वर्मा ने कहा कि मुठभेड़ जंगल में नहीं हुई है। गांव में ही वनोपज इकट्ठा कर रहे आदिवासियों को घेर कर निर्मम हत्या की गई है। इसमें गूंगे, बहरे और नाबालिग शामिल हैं। यह घटना दर्दनाक और बेहद निंदनीय है। उन्होंने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
सचिव पवन वर्मा ने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री व जिला कलेक्टटर को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में उन्होंने उल्लेख किया है कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के ग्राम पीड़िया रहने वाले आदिवासियों को नक्सली बताकर उन पर गोलियां चलाई गई। इसकी जानकारी आदिवासियों के मसीहा पूर्व विधायक एवं छत्तीसगढ़ राज्य भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव कामरेड मनीष कुंजाम को मिली। वे 15 मई 2024 को 15 सदस्यों के साथ पीड़ित आदिवासियों से मिलने पहुंचे। वहां के ग्रामीणों ने मनीष कुंजाम को बताया कि हम तेंदूपत्ता वनोपज इकट्ठा कर रहे थे, तभी पुलिस वालों ने चारों तरफ से घेरा और एक जगह ले जाकर गोली मारा गया। कई ने गुहार लगाई कि हमें मत मारिए फिर भी पुलिस ने एक नहीं सुनी, सबकी निर्मम तरीके से हत्या कर दी। ताज्जुब की बात यह है कि उसमें एक ग्रामीण अवलम सन्नू गूंगा भी है जो बोल, सुन नहीं सकता। वह पत्थर पर बैठा था उसे भी पुलिस ने गोली मारी। उसके चार बच्चे हैं। दूसरा मोटू अवलम जो नाबालिग है एवं तीसरा ओयम भीमा जो पेड़ पर चढ़ा था उसे वहीं गोली मारी गई। ऐसे करके बारी-बारी से सभी को मौत के घाट उतारा गया। एक नाबालिग जिसके पैर में तीन गोली लगी है वह घायल है। मौके पर मौजूद महिलाएं ऐसा करने से मना की तो उन्हें डंडों और लात घुसे से मारा गया। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का मानना है कि यदि वह आदिवासी नक्सली थे तो पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए था और फिर पूछताछ करनी चाहिए थी, लेकिन पुलिस ने बिना सोचे समझे निर्दोष ग्रामीण आदिवासियों पर गोलियां चलाना शुरू कर दिया जो कि सरासर गलत है।
कलेक्टर को एक अन्य ज्ञापन सौंपकर बिजली विभाग की लापरवाही के संबंध में अवगत कराया गया है। उल्लेख किया गया है कि बिजली विभाग के द्वारा ट्रांसफॉर्मर लगाया जाता है, लेकिन उसे बैरिकेड (घेरा) नहीं किया जाता है। ट्रांसफॉर्मर में जो पैनल लगे होते हैं उसका दरवाजा भी खुला रहता है या कई पैनल का दरवाजा टूट गया है। ट्रांसफॉर्मर रोड के नजदीक लगे हुए हैं, तार भी बिखरा हुआ रहता है, जानवर आसपास घास खाने के लिए जाते हैं, छोटे-छोटे बच्चों का भी उनसे खतरा बना रहता है। पैनल खुला होने, तार बिखराव एवं बैरिकेड न होने के कारण कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का कहना है कि जहां-जहां ट्रांसफॉर्मर लगे हैं वहां बैरिकेड लगाया जाए एवं लोहे की खंभे की जगह कांक्रीट का खंभा का उपयोग किया जाए, जिससे कि अप्रिय घटना से बचा जा सके।
वर्मा ने कबीरधाम जिले ग्राम बाहपनी में हुई दुर्घटना में 18 लोगों की मृत्यु पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पीड़ित प्रत्येक परिवारों को 50-50 लाख रुपये दिया जाए। यह देखा गया है कि ठेकेदारों द्वारा मजदूरों को पिकअप में जानवरों की तरह भरकर ले जाया जाता है इस पर शासन को ध्यान देने की जरूरत है। ज्ञापन सौंपने के दौरान जिला सचिव कॉमरेड पवन कुमार वर्मा, जिला परिषद सदस्य कामरेड राम मूर्ति दुबे, कामरेड सुनील सिंह उपस्थित थे।

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