क्या आपको पता है नारियल को माना गया है माता लक्ष्मी का स्वरूप ?
कोरबा 9 दिसम्बर। नारियल इस धरती के सबसे पवित्र फलों में से एक है. इसलिए इस फल को लोग भगवान को चढ़ाते हैं. या फिर कोई भी मंगल कार्य हो उसमें नारियल का फोड़ा जाता है. हिंदू परंपरा में नारियल सौभाग्य और समृद्धि की निशानी होती है. नारियल भगवान गणेश को चढ़ाया जाता है और फिर प्रसाद के रूप में बांटा जाता है. नारियल इस धरती के सबसे पवित्र फलों में से एक है। इसलिए इस फल को लोग भगवान को चढ़ाते हैं.
कहा जाता है कि नारियल में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का वास होता है. यानि एक जगह पर अगर त्रिदेव कहीं विराजते हैं तो वो नारियल ही है. इसीलिए हर पूजा व शुभ कार्य में नारियल को शामिल किया जाता है ताकि हर कार्य में तीनों देवों का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सके. और वो कार्य सिद्ध हो सके.
ऐसी भी मान्यता है कि जब भगवान विष्णु प्रकट हुए थे तो लक्ष्मी जी और कामधेनु के साथ साथ वो नारियल का पेड़ ही लेकर आए थे. इसीलिए भगवान विष्णु से भी नारियल को जोड़ा जाता है और उनकी हर पूजा में नारियल अवश्य रूप से शामिल होता है. खासतौर से नारियल को लक्ष्मी जी का स्वरूप माना गया है. इसीलिए जिस घर में नारियल हो उस घर में माता लक्ष्मी साक्षात् विराजमान होती है.
हिंदू धर्म में एक परंपरा ये भी है कि किसी भी पूजा या शुभ कार्य में रखा गया नारियल बाद में तोड़कर प्रसाद के रूप में दिया जाता है. लेकिन खास बात ये है किमहिलाओं का नारियल तोड़ना वर्जित माना गया है. इसके पीछे कारण भी बताया जाता है. कहते हैं महिलाएं सृष्टि को आगे बढ़ाती है. और नारियल को भी बीज स्वरूप अंकित किया गया है. इसीलिए महिलाओं का नारियल तोड़ना शास्त्रों में निषेध है. किसी भी कार्य के बाद पुरुष ही नारियल तोड़ते हैं.
नारियल के फायदे
नारियल केवल शुभ कार्यों में शामिल होने तक ही सीमित नहीं है. बल्कि इसके हर तरह के अनेकों फायदे हैं. नारियल का सेवन रोज़ाना किया जाए तो बालों से लेकर त्वचा तक को फायदा पहुंचाता है. खासतौर से बच्चों को नारियल पानी जरुर पिलाना चाहिए क्योंकि ये बच्चों में पानी की कमी कभी नहीं होने देता है. अगर कोई शारीरिक रूप से दुर्बल है तो उसे रोज़ाना इसे खाना चाहिए. कुछ ही समय में शारीरिक कमज़ोरी दूर हो जाती है.