कानून:जानें क्या है संज्ञेय और असंज्ञेय अपराध?
कभी कभी आम जनता की शिकायत होती है कि हमथाना रिपोर्ट करने गए थे ,लेकिन हमारी रिपोर्ट नही लिखी गई ,हमे न्यायालय जाने के लिए कहा गया। दोस्तो ऐसा अपराध के असंज्ञेय प्रकृति के होने के कारण होता है।
भारत में लोकतान्त्रिक व्यवस्था है, जहाँ पर सभी नागरिकों को संविधान में समान अधिकार प्रदान किये गए है। देश में अधिकतर आपराधिक घटनाएं होती रहती है, इन घटनाओं से किसी के मूल अधिकारों का हनन न हो इसलिए इसके लिए कानूनी नियम बनाये गए है। यदि कोई भी नागरिक कानून व्यवस्था का पालन नहीं करता, यानि कि कानून तोड़ता है तो वह एक अपराध होता है। यह अपराध दो प्रकार से होते है, संज्ञेय व असंज्ञेय अपराध।
*संज्ञेय अपराध (cognizable offence*..)
संज्ञेय अपराध को हम पुलिस हस्तक्षेप योग्य अपराध कहते है ,ऐसे अपराध की रिपोर्ट मिलने पर थाना प्रभारी को तत्काल प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने और विवेचना करने का कानूनन अधिकार होता है। इसलिए ऐसे अपराध की सूचना मिलने पर थाने में तत्काल F I R लेकर विवेचना शुरू कर दी जाती है ।विवेचना पूर्ण होने पर अंतिम प्रतिवेदन न्यायालय को भेजा जाता है। सार्वजनिक स्थान में गाली गलौच करना,चोरी डकैती लूट ,छेड़खानी ,बलात्कार ,छल ,हत्या,हत्या का प्रयास आदि किस्म के अपराध संज्ञेय प्रकृति के होते है।
*असंज्ञेय अपराध (Cognisable Offence*)
असंज्ञेय अपराध(Non Cognizabl) पुलिस हस्तक्षेप अयोग्य अपराध होते ,जिनमे पुलिस को सीधे प्रथम सूचना पत्र लिखने का अधिकार नही होता है।
आपसी सहमति से पैसे का लेनदेन,जमीन विवाद ,पति पत्नी के आपसी घरेलू घगड़े, झूठे साक्ष्य देना, मानहानि , अपराधों को असंज्ञेय अपराधों की श्रेणी में रखा जाता है। उक्त मामलो में प्रथम सूचना रिपोर्ट बिना मजिस्ट्रेट के जांच आदेश के बिना नही की जाती है ,थाने में जब कभी कोई व्यक्ति असंज्ञेय मामले की रिपोर्ट करने आता है तो उसे फायमाइस नालिस दीं जाती है और न्यायालय की शरण मे जाने को कहा जाता है ,ऐसे केश में प्रार्थी को न्यायालय में जाकर परिवाद करना होता है। परिवाद के पश्चात न्यायालय के आदेश उपरांत ही पुलिस ऐसे मामलों में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर सकती है।
जब भी कभी कोई पीड़ित किसी मामले की रिपोर्ट करने पुलिस थाना जाए ,उससे पहले अपराध की प्रकृति के विषय मे अवश्य सोचे ।कि अपराध ,संज्ञेय प्रकृति का है अथवा असंज्ञेय।
सावधान रहें सुरक्षित रहे।