November 22, 2024

गौरेला: प्रभारी मंत्री और जिला प्रशासन दे रहे दलबदलुओं को महत्व, समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ताओं में ब्याप्त है गहन असन्तोष

गौरेला 1o फरवरी। नव गठित जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही में कांग्रेस में भारी असंतोष व्याप्त है। इसका कारण है 15 वर्षों तक भाजपा से लोहा लेने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और चुनाव के समय कांग्रेस प्रवेश करने वाले दलबदलुओं को प्रभारी मंत्री और प्रशासन द्वारा दिया जा रहा महत्व।

पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का यह असन्तोष मंगलवार 9 फरवरी को खुल कर सामने आ गया। दरअसल गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में जिला बनने के बाद पहली बार अरपा महोत्सव का आयोजन किया गया है, जिसका शुभारंभ गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल के द्वारा किया गया।

इस कार्यक्रम में संगठन के प्रमुख नेताओं को मंच में जगह नही दी गई, जिसे लेकर माहौल गरमा गया। कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष मनोज गुप्ता को बार बार इधर से उधर बैठाया जा रहा था। जब जिले के प्रभारी मंत्री का उद्बोधन चालू हुआ, तो नीचे बैठे संगठन के नेताओ में जमकर नाराजगी देखने को मिली। जिलाध्यक्ष मनोज गुप्ता मरवाही एसडीएम रवि सिंह पर बरस पड़े। उन्होंने कहा, आपने मुझे वहां बैठने कहा, मैं वहां चला गया, फिर आप यहां ले आए, अब क्या दिक्कत है। आप लोग किसी के कहने पर ऐसा कर रहे हैं, आपको दिखाई नहीं देता।

इसके बाद उनके साथ बैठे संगठन के अन्य नेता भी बरस पड़े और कहा, कि दलबदलू लोग मंच पर बैठे हैं और काँग्रेस संगठन के लोग नीचे बैठे हैं। जो दल बदलकर हाल ही में कांग्रेस प्रवेश किया, उन्हें मंच में बैठाकर बराबर सम्मान दिया जा रहा है, जबकि वो लोग कांग्रेस की सत्ता में आने के बाद अपने निहित स्वार्थ की वजह से कांग्रेस का दामन थाम लिए है। हम लोग काँग्रेस का झंडा उठाने वाले है। हम जैसे संगठन के नेताओ की उपेक्षा की जा रही है। इस बीच बहस होता देख मंच में संबोधन कर रहे प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने मंच से उन्हें शांत रहने कहा, जिसके बाद कांग्रेसी शांत हो गए।

दरअसल जिले में मंगलवार 9 फरवरी से दो दिवसीय अरपा महोत्सव की शुरुआत हुई। प्रभारी मंत्री लोगों को संबोधित कर रहे थे। तभी जिलाध्यक्ष मनोज गुप्ता ने मरवाही एसडीएम को जमकर खरी खोटी सुनाई। उनकी नाराजगी मंच पर जगह न मिलने और बार-बार उनके बैठने की जगह बदलने को लेकर थी। आखिरकार प्रभारी मंत्री को मंच से उन्हें समझाइश देनी पड़ी।

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