November 22, 2024

कैसे सुलझे कोयला उत्पादन का मसला, कोल सचिव अनिल जैन पहुंचे दौरे पर

कोरबा 2 मार्च। चालू वित्त वर्ष के अंतर्गत प्राप्त कोयला उत्पादन लक्ष्य को अगर पूरा करना है तो इसके लिए प्रबंधन के पास केवल 29 दिन बाकी हैं। इसके अलावा आगामी समय में कोयला उत्पादन को जारी रखना है तो दीपका परियोजना का विस्तार भी करना होगा। इन सबके बीच खदान विस्तार के मामले उलझे हुए हैं। कोल सचिव अनिल जैन का आज गेवरा-दीपका दौरा हुआ। माना जा रहा है कि बुनियादी रूप से वे इस मुद्दे पर बात करने के लिए यहां पहुंचे हैं।

इससे पहले भी कोल सचिव का दौरान गेवरा हो चुका है। बीते नवंबर में कोल सचिव ने कोयलांचल का दौरा करने के साथ यहां उच्च क्षमता वाले संसाधन भेंट किये थे और इनसे अधिकतम उत्पादकता बढ़ाने की उम्मीद जताई थी। इस दौरान एसईसीएल के अधिकारियों और अन्य संबंधितों से अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा करने के साथ निर्देश दिए गए थे। कंपनी ने उन्हें स्थानीय स्तर की बड़ी समस्याओं से अवगत कराया था। इसमें मुख्य रूप से एसईसीएल दीपका विस्तार से जुड़ी समस्याओं की जानकारी दी गई थी। प्रशासन के अधिकारियों से इस बारे में आवश्यक मंत्रणा की गई थी और जरूरी काम करने को कहा गया था। अब तक दीपका विस्तार से संबंधित पेंच सुलझ नहीं सका है। मलगांव इलाके में एक धार्मिक स्थान और अन्य जमीनों का अधिग्रहण करने के लिए प्रबंधन को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है। कई यूनियन और आसपास के लोग इस मसले पर एकजुट हैं। उनके द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन के कारण प्रबंधन यहां अगला काम नहीं कर पा रहा है। इस विषय पर कटघोरा एसडीएम की कार्यप्रणाली को लेकर लोगों ने कई आरोप लगाए हैं और सवाल भी खड़े किये हैं। इसके साथ ही पीड़ित लोगों ने जबरिया अपनी जमीन हथियाने की स्थिति में राष्ट्रपति के पास पत्र भेजकर कहा है कि उन्हें इच्छा मृत्यु दे दी जाए। लगातार इस तरह की कोशिशें जारी है। ऐसे में प्रबंधन पशोपेश की स्थिति में है। उच्च कार्यालय को पूरे मामले से अवगत कराने की कार्यवाही की जा रही है। समझा जा रहा है कि चुनौतीपूर्ण विषय को सुलझाने के लिए किसी और रणनीति पर काम किया जा सकता है। कोल सचिव का हालिया दौरा इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। रणनीतिक स्तर से बात बनाने और खदान का विस्तार आसानी से किये जाने को लेकर कैसे काम हो, इसके लिए कोल सचिव और उनकी टीम काम कर सकती है। जानकारी के अनुसार कोल सचिव ने दौरे के तहत एसईसीएल के अधिकारियों से जरूरी चर्चा की। कयास लगाया जा रहा है कि प्रशासन के अधिकारियों से इस बारे में अलग से बातचीत करने के साथ समाधान खोजने को कहा जा सकता है। याद रहे लगातार किये गए प्रयासों के बाद पिछले दिनों एसईसीएल कोरबा क्षेत्र की सरईपाली परियोजना को प्रारंभ किया जाना शुरू हो सका। हालांकि कुछ मुद्दों को लेकर क्षेत्रीय लोगों ने बाद में गतिरोध पैदा करने का प्रयास भी किया।

कुसमुंडा क्षेत्र का भी लिया जायजाः-कोल सचिव जैन ने एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र पहुंचकर यहां अधिकारियों से चर्चा की। खदान का जायजा भी लिया। याद रहे कोरबा जिले में गेवरा के बाद दूसरी बड़ी खदान में कुसमुंडा का नाम शामिल हो गया है। इसका विस्तार बड़े हिस्से में किया जा रहा है। व्यवस्थापन से जुड़ी समस्याओं को निराकृत करने का काम जारी है। अधिकारियों ने इस बारे में सचिव को अवगत कराया।

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