November 7, 2024

पैक हाउस योजना में किए गए भ्रष्टाचार की जांच का आदेश जारी

रायपुर 5 मार्च। केंद्र सरकार के राष्ट्रीय बागवानी मिशन की पैक हाउस योजना में किए गए भ्रष्टाचार की कलई अब खुलती जा रही है। विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने उद्यानिकी विभाग के अधीन सब्सिडी पर टिन शेड से बने पैक हाउस पर सवाल किया, जिसके जवाब में कहा गया है कि सरकार की इस शेड की सामग्री के संबंध में कोई भी गाइड लाइन नहीं है। इधर उद्यानिकी विभाग के डायरेक्टर माथेश्वरन ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

किसानों की बाड़ी में गोदाम के रूप में इस्तेमाल किए जाने के लिए केंद्र सरकार के राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत पैक हाउस योजना का संचालन किया जाता है। इसी के तहत छत्तीसगढ़ मे बड़ी संख्या में किसानों की बाड़ी में पैक हाउस का निर्माण कराया गया। टीआरपी न्यूज़ ने इस पैक हाउस के निर्माण में भ्रष्टाचार की खबर का प्रकाशन किया था।

डॉ. रमन ने विधानसभा में किया सवाल

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने विधानसभा में सवाल किया था कि छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत कितने पैक हाउस बने हैं? इनमें से टिन शेड से कितने पैक हाउस का निर्माण किया गया है? क्या इसके संबंध में कोई गाइडलाइन है? और अगर इसके निर्माण में कोई गड़बड़ी की गई है तो कार्रवाई का क्या प्रावधान है?

विधानसभा में डॉ. रमन सिंह को मिला उनके सवाल का जवाब

जवाब में बताया गया है कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत सन 2019 से लेकर अब तक 369 और राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत 802 पैक हाउस बनाए गए हैं। इनमें से 453 पैक हाउस टिन शेड से बनाए गए हैं। जवाब में यह भी बताया गया है कि भारत सरकार की मार्गदर्शिका में पैक हाउस के निर्माण में किन सामग्री का इस्तेमाल किया जाए इसका स्पष्ट उल्लेख नहीं है। इसलिए किसी भी निर्माण सामग्री का उपयोग कर निर्दिष्ट आकार एवं निर्धारित इकाई लागत के अंतर्गत बनाया गया पैक हाउस मार्गदर्शी निर्देश के अनुसार है। साथ ही कहा गया है कि अगर निर्माण में गड़बड़ी की गई है तो अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

गोलमोल जवाब देकर विभाग को बचाने का प्रयास

विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के सवाल का जो जवाब दिया गया है वह काफी गोल गोल है और ऐसा जवाब देकर पूरे विभाग को बदनामी से बचाने का प्रयास किया गया है। दरअसल टिन शेड का भी पैक हाउस बनाया जाए तो उसके तहत जो भी गाइडलाइन है उसका भी पालन ठीक तरह से नहीं किया गया है। टीआरपी न्यूज़ ने कोरबा और कुछ अन्य जिलों में बने पैक हाउस के संबंध खबर का प्रकाशन किया था। कोरबा में बने टिन शेड के पैक हाउस की बात की जाए तो इस शेड में फ्लोर भी नहीं बनाया गया है। यहां टीन शेड का एक स्ट्रक्चर भर तैयार करके किसान के सुपुर्द कर दिया गया है जबकि इस शेड में खिड़कियां और उसका फ्लोर भी होना चाहिए।

निर्धारित इकाई लागत का दावा झूठा

विधानसभा में दिए गए जवाब में कहा गया है कि निर्दिष्ट आकार एवम निर्धारित इकाई लागत के अंतर्गत पैक हाउस बनाया गया है। टिन शेड का यह पैकहाउस किसी भी हालत में निर्धारित इकाई लागत का नजर नहीं आता है। सरकार ने इस पैक हाउस की लागत 4 लाख रूपए तय की है जिसका आधा याने 2 लाख रुपए किसान को सब्सिडी के रूप में दिया जाना है। मगर इस शेड की लागत 2 लाख रूपए तो क्या एक लाख भी नहीं है। जानकारों के मुताबिक इस तरह का टिन शेड 50 से 60 हजार रूपए में बन जायेगा।

डायरेक्टर ने बताया ‘हो रही है जांच ‘

उद्यानिकी विभाग की डायरेक्टर माथेश्वरन वी से जब टीआरपी न्यूज़ ने टिन शेड की लागत के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और डायरेक्ट्रेट के उप संचालक स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में जांच की जा रही है। बहरहाल इस मामले की जांच चल रही है, उम्मीद की जानी चाहिए कि इसमें जो भी गड़बड़ी हो रही है वह उजागर होगी और संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई भी होगी।

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