भूपेश सरकार की राज्यपाल से शिकायत, भाजपा विधायक दल ने सौंपा ज्ञापन
रायपुर 9 मार्च। छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित कर दी गई है। इस दिन अनेक मुद्दों को लेकर पक्ष और विपक्ष में काफी नोकझोंक हुई और हंगामा हुआ। वहीं भाजपा के विधायक दो बार गर्भ गृह में गए और निलंबित हुए। सदन में जब विधानसभा की कार्रवाई अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने की घोषणा हो रही थी, तब भाजपा के विधायक राज्यपाल से राजभवन में मिलकर सरकार के खिलाफ शिकायत कर रहे थे।
छ.ग. सरकार के दो मंत्री टी. एस. सिंहदेव, जयसिंह अग्रवाल और दो अन्य विधायकों के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि विधानसभा का बजट सत्र जल्द ही खत्म कर दिया जायेगा। मंगलवार को दिन भर सदन की कार्रवाई चली। हालांकि इस दौरान सदन की शुरुआत में ही कांग्रेस के जनघोषणा पत्र को लेकर हंगामा हुआ और भाजपा विधायकों ने सदन से बहिर्गमन भी किया।
दो बार निलंबित हुए भाजपा विधायक
प्रश्नकाल के बाद भाजपा के विधायक बठेना कांड को लेकर स्थगन प्रस्ताव और चर्चा कराने की मांग कर रहे थे। मगर इसे अग्राह्य कर दिया गया जिसे लेकर भाजपाइयों ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान भाजपा के सभी विधायक गर्भ गृह में चले गए जिसके बाद इन्हें निलंबित कर दिया गया। बाद में बहाल किए जाने के बावजूद भाजपा विधायक अपनी मांग पर अड़े रहे और पुनः गर्भ गृह में चले गए, जिसके बाद उन्हें फिर से निलंबित कर दिया गया।
राज्यपाल से मिलने गया भाजपा विधायकों का दल
निलंबित होने के बाद भाजपा के विधायकों का दल नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के नेतृत्व में राज्यपाल अनुसुइया उईके से मिलने गया। राजभवन में मुलाकात करते हुए भाजपा विधायकों ने राज्यपाल को दो-दो ज्ञापन सौंपा।
बठेना कांड को लेकर उच्च स्तरीय जांच की मांग
भाजपा विधायकों ने राज्यपाल को सौंपे गए पहले ज्ञापन में बठेना कांड का जिक्र किया है जिसमें यह बताया गया है कि परिवार की 3 महिला सदस्य जली हुई हालत में मिली वही दो पुरुष सदस्य फांसी पर लटके मिले। विधायकों ने आशंका जताई है कि यह आत्महत्या नहीं हत्या है, मगर पुलिस द्वारा इसे आत्महत्या का स्वरूप दिया जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का कहना था कि अगर यह मान भी लिया जाए कि मामला आत्महत्या का है तो आखिर ऐसी कौन सी परिस्थितियां निर्मित हो गईं जिसके चलते परिवार के सदस्यों को मारने के बाद खुद आत्महत्या करनी पड़ी। राज्यपाल से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के निर्देश का अनुरोध किया गया है।
विदेशी मदिरा पर लगाए गए सेस
भाजपा विधायकों की दूसरी शिकायत देसी विदेशी मदिरा पर लगाए गए सेस को लेकर थी, जिसमें बताया गया है कि शासन द्वारा 2 मई और 15 मई 2020 को देसी विदेशी मदिरा पर प्रति बोतल 10 रुपए और फिर 10% विशेष कोरोना शुल्क अधिरोपित की गई। इससे सरकार के खाते में 364.75 करोड़ रुपए जमा हुए। इसी तरह 1 अप्रैल 2020 को गोठान के विकास एवं देखरेख को लेकर देसी विदेशी मदिरा पर प्रति बोतल 5 रुपए का अतिरिक्त आबकारी शुल्क वसूल किया गया। इससे सरकार के पास 156 करोड़ रुपए जमा हुए। विधायकों ने इस बात का जिक्र करते हुए लिखा है कि 31 जनवरी 2021 तक न तो स्वास्थ विभाग और न ही पंचायत या कृषि विभाग को कोई भी राशि दी गई है । बल्कि इस राशि का उपयोग को गोधन न्याय योजना के अंतर्गत किया जा रहा है। ऐसा करके सेस की रकम का दुरुपयोग किया जा रहा है। विधायकों ने सेस की रकम का दुरुपयोग करने के मामले में राज्यपाल से कड़ी कार्रवाई का अनुरोध किया है।
कोई और बनना चाहता है नेता प्रतिपक्ष: भूपेश
विधानसभा सत्र के स्थगित होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा द्वारा किए गए हंगामे के पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा में अंतरकलह है, और यहां नेता प्रतिपक्ष कोई और बनना चाहता है। इस वजह से भाजपा विधायक शोर गुल कर सदन में अपना – अपना परफॉर्मेंस दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।