September 20, 2024

लापरवाह एई के कारण ब्लैक आउट से जूझ रहा शहर , विद्युत वितरण विभाग के मेंटनेंस की खुली पोल


न्यूज एक्शन। विद्युत वितरण विभाग के एई की लापरवाही का खामियाजा शहर के विद्युत उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। एई पर अफसरशाही इस कदर हावी है कि वह मोबाईल से बात करना भी मुनासिब नहीं समझते । केवल मोबाईल मैसेज पर आदेश निर्देश देना पसंद करते है। एई की लापरवाही के कारण विद्युत वितरण व्यवस्था का हाल बेहाल है। तुलसी नगर जोन के सहायक अभियंता (एई)टीआर कोसरिया की लापरवाही के कारण शहरभर में ब्लैक आउट की स्थिति निर्मित हो गई। जो शहरी क्षेत्र में भी कई इलाकों में पूरी रात बनी रही। वहीं कई इलाकों में सुबह तक भी विद्युत व्यवस्था बहाल नहीं की जा सकी थी। खास कर शहर के हृदय स्थल टीपी नगर के कई इलाके भी दोपहर तक बिना बिजली के थे। उमसभरी गर्मी के बीच लोग परेशान होकर अधिकारियों को कोसते रहे।
विद्युत वितरण विभाग ने भीषण गर्मी के दौरान 7 से 8 घंटे बिजली कटौती कर मेन्टेनेंस का दावा किया था। मानसून की दस्तक से पहले शुक्रवार की शाम हुई आंधी-बारिश ने विद्युत वितरण विभाग के मेन्टेनेंस की पोल खोलकर रख दी। आंधी तूफान और बारिश के बाद जिले भर में 4 से 5 घंटे तक ब्लैक आउट की स्थिति बनी रही। शहरी क्षेत्र के कुछ इलाकों में रात्रि 11 बजे के बाद विद्युत व्यवस्था बहाल की जा सकी लेकिन अधिकांश शहरी व उप नगरीय तथा ग्रामीण अंचलों में पूरी रात बिजली गुल रही। इसमें से कुछ इलाकों में सुबह विद्युत व्यवस्था बहाल की जा सकी, लेकिन इसके बाद भी इन क्षेत्रों में बिजली की आंख मिचौली का सिलसिला चलता रहा। कई इलाकों में लो वोल्टेज की समस्या बनी रही। वहीं अधिकांश इलाकों में दोपहर बाद भी विद्युत व्यवस्था ठप पड़ी हुई थी। दोपहर तक शहरी क्षेत्र के कोसाबाड़ी, निहारिका, आईटीआई, इण्डस्ट्रियल एरिया खरमोरा, टीपी नगर, सीएसईबी कालोनी सहित कई इलाकों में बिजली गुल थी। ग्रामीण अंचलों का और भी बुरा हाल है। बड़े-बड़े पेड़ टूटकर विद्युत तारों पर गिरे हैं, जिसके कारण कई स्थानों में बिजली तार व खंभे टूटकर गिर गए हैं। ग्रामीण अंचलों में विद्युत सुधार कार्य में दो से तीन दिन लग सकता है, वहीं शहरी क्षेत्र की बिजली व्यवस्था सुधारने में वितरण विभाग का पसीना छूट रहा है। लचर विद्युत व्यवस्था से लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। कभी भी आक्रोशित लोगों के गुस्से का सामना विद्युत वितरण विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों को करना पड़ सकता है।

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