कोविड परिवार वाले शिक्षकों के साथ हो रहे अत्याचार के विरुद्ध नागरिक संघर्ष समिति, कोरबा ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
कोरबा 07 मई। जैसा कि सर्वविदित है कि जिला कोरबा में प्रशासन के अधिकारियों द्वारा कौन सा नियमाविरुद्ध आदेश कब आ जाए इसे कोई नही जान सकता। इसी तरह से विगत दिनों जिला शिक्षा अधिकारी DEO श्री सतीश पांडेय जी के द्वारा शिक्षकों की कोरोना के खिलाफ अनिवार्य ड्यूटी लगाने का आदेश जारी किया गया था, जबकि अधिकतर शिक्षकों को अब तक कोरोना वारियर्स मानकर कोरोना वैक्सीन भी नही लग पाया है।
ज्यादती तो तब देखने को मिली जब किसी शिक्षक के घर-परिवार में कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद उस शिक्षक को सरकारी स्कूल, दफ्तर या आमजन के बीच भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई। यह दर्शाता है कि जिला शिक्षा विभाग को सिर्फ और सिर्फ काम निकलना है। उनकी आंखे सिर्फ और सिर्फ रिकॉर्ड में अव्वल होने की चाहत के कारण पॉजिटिव परिवारिक सदस्य शिक्षक से होने वाले दुष्प्रभाव को नही देख पा रहे हैं।
जिस परिवार में कोई भी सदस्य कोरोना पॉजिटिव हो उस परिवार की मानसिक, आर्थिक, शारीरिक, सामाजिक स्थिति क्या होती है, आदेश देने वाले AC कमरे में बैठ कर कार्यवाही का भय दिखाने वाले शायद इसे नही समझ पा रहे, इस कारण इस प्रकार का तुगलकी आदेश दे रहे हैं। हमारा कोरबा 24 दिन के कठोर LOCKDOWN होने के बावजूद पूरे छत्तीसगढ़ में कोविड पॉजिटिव का सर्वोच्च रिकॉर्ड दर्ज करने की राह पर अग्रणी है, जबकि हमारे जिले के सर्वोच्च अधिकारी जिला कलेक्टर समेत IAS गण, IPS पुलिस कप्तान, सह कप्तान समेत पूरा पुलिस अमला कोरोना के बढ़ते आंकड़ों को कम करने व लोगों की जान बचाने के लिए अपनी जान हथेली में रख कार्य कर रहे हैं।
लेकिन इस प्रकार के कुछ चिंतनीय आदेश होने के कारण नागरिक संघर्ष समिति, कोरबा ने सूबे के मुख्यमंत्री आदरणीय श्री भूपेश बघेल जी के नाम से लिखित ज्ञापन दिया जिसमें जमनीपाली क्षेत्र के ग्राम लाटा में पदस्थ शिक्षिका श्रीमती निर्मला जी के साथ हो रहे दबाव व अनुचित व्यवहार, जिसमें उन्हें प्रभारी के द्वारा मोबाइल में सूचना देकर बिना कोरोना जांच कराए व रिपोर्ट आए बिना ड्यूटी बुलाया गया जबकि बुलाने वाले सम्बंधित को यह जानकारी थी कि उक्त शिक्षिका का 8 वर्षीय पुत्र कोरोना पॉजिटिव है और वह शिक्षिका उस 8 वर्षीय बालक की मां होने के कारण उसका प्रत्यक्ष रूप से देखभाल कर रही है। बावजूद इसके उस शिक्षिका को ड्यूटी के नाम से बुलाकर कोरोना संक्रमण को बढ़ावा देने में उक्त अधिकारी की भूमिका व लापरवाही मानकर उचित कार्यवाही की मांग की गई है।
नागरिक संघर्ष समिति, कोरबा इस मामले की कड़ी भर्त्सना व निंदा करते हुए ऐसा गलत व जनहित के खिलाफ आदेश करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी त्वरित कार्यवाही करने हेतु मुख्यमंत्री जी के नाम से अपर कलेक्टर श्रीमती प्रियंका ऋषि महोबिया जी को ज्ञापन दिया। इस मौके पर नागरिक संघर्ष समिति, कोरबा के अध्यक्ष मो. न्याज नूर आरबी, मो. मंसूर शेख, कोरबा प्रभारी राजकुमार दुबे कोविड प्रोटोकॉल के नियम को फॉलो करते हुए उपस्थित रहे।