November 21, 2024

पोड़ी उपरोड़ा के किसान पहली बार करेंगे काजू की खेती

कोरबा 31 मई। पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक में खेती बारिश पर आश्रित हैं। इसलिए वे खेती में अधिक रुचि नहीं ले रहे थे। क्षेत्र के ऐसे किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने की पहल शुरू हो गई है। सिंचाई की सुविधा नहीं होने से यहां के किसान भी अब खेती की प्रक्रिया बदलने लगे हैं। यहां के किसान भी अब काजू की खेती करते नजर आएंगे।

इसके लिए काजू, लक्ष्मीतरू, बेर व खमार के 43000 पौधों की नर्सरी तैयार किए हैं। यहां के किसानों में खेती की प्रक्रिया बदलने की सोच करतला ब्लॉक के किसानों में आए बदलाव को देखते हुए बनी है। वहां के किसानों ने अपनी मेहनत से बंजर भूमि पर आम, काजू, नीबू के साथ अंतरवर्तीय फसल लेने लगे हैं। इतना ही नहीं किसानों की सहकारी समिति स्वयं के खर्च पर काजू व चिरौंजी की प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर बाजार में अपने उत्पाद उतार दिए हैं। इन किसानों की तरक्की देख पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के किसान भी अब इसे अपनाने लगे हैं। बीते साल यहां के किसानों ने 22 हजार काजू के पौधों का रोपण कर चुके हैं। इस साल किसानों की संख्या और बढ़ जाएगी।

पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के 6 गांवों में बाड़ी हितग्राही किसानों के सहयोग से तैयार की गई नर्सरी में लगे पौधों के एवज में 8 लाख से अधिक आय मिलेगी। अब तक ऐसे पौधे उड़ीसा के क्योझर से मंगाकर किसानों को देते थेए जो किसानों को यहीं मिलेगा। लैंगा के रमेश आयाम ने बताया सामान्य रूप से एक पौधे की कीमत 20 रुपएए जिसकी ग्राफ्टिंग करने से कीमती 30 रुपए प्रति पौधा हो जाती है। नर्सरी में फलदार, छायादार के साथ औषधीय गुणों वाले पौधे हैं।

जीबीवीएसएस के पोड़ी उपरोड़ा कोआर्डिनेटर विनोद आमटे, मोहन कुंवर, दिलेश आयाम ने बताया इस खेती के लिए आदिवासी किसानों को प्राथमिकता देते हैं। ऐसे किसानों की उस जमीन को उपयोग में लेते हैं, जो उपजाऊ न हो। 5 साल तक किसानों को तकनीकी जानकारी देते हैं, जब पेड़ों से फल आने लगते हैं, तब वे उसे बेचकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करने में जुट जाते हैं। आय के साथ अधिक पौधे लगाने से पर्यावरण की भी सुरक्षा होती है।

Spread the word