November 7, 2024

महिला समूह सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर कर अध्यक्ष व सचिव ने दो लाख निकाले बैंक से

कोरबा 24 जून। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को आगे बढ़ने का सुअवसर व आत्मनिर्भर बनने का मौका प्राप्त हुआ है। 10 से 15 महिलाएं जुड़ कर एक स्व सहायता समूह का गठन करती है और सरकार की योजना अनुसार लोन के तौर मिलने वाली राशि का उपयोग कर स्वयं का रोजगार संचालित करती है। जिससे समूह की महिलाओ को अच्छी आमदनी होती है और वे अपने परिवार का भरण पोषण आसानी से कर सकती है।

बिहान योजना से जुड़े कुछ महिला समिति सरकार की इस योजना को पतीला लगाकर नाकाम साबित करने में लगी हैं, दरअसल कटघोरा के अंतर्गत ग्राम हुकरा के प्रेमनगर में संचालित जय माँ सरस्वती महिला समूह के कारनामे कुछ और ही बया कर रहे हैं, यहाँ समूह की महिला सदस्यों ने समूह के अध्यक्ष व सचिव पर लोन की राशि गबन करने के गम्भीर आरोप लगाए हैं। समूह के सदस्यों ने बताया कि माह जून 2021 में अध्यक्ष व सचिव ने अधिकारियों से साठगांठ कर दो लाख रुपये का लोन समिति के नाम से पास करवा लिया और सदस्यों की सहमति तक नही ली गईं। समहू के सदस्यों की माने तो बैंक फार्मेलिटी में फर्जी तरीके से सदस्यों के हस्ताक्षर किये गए हैं। लोन की राशि अध्यक्ष व सचिव ने षडय़ंत्र पूर्वक बिना सदस्यों की सहमति से निकाल ली है। सदस्यों ने आगे बताया कि जिस लोन के लिए समिति से प्रस्ताव तैयार किया जाता है उन्हें उससे भी दूर रखा गया और प्रस्ताव में हम सभी के हस्ताक्षर भी हो गए जिसमे हमारी कोई सहमति नही ली गई। यहाँ तक कि एक महिला सदस्य के नाम को पिछले साल हटाने की बात रखी गई थी जिस पर अध्यक्ष व सचिव ने नाम हट जाने की बात कही थी, लेकिन जब समूह की वही महिला सदस्य अपने निजी कार्य से बैंक गई तो उन्हें पता चला कि उसके नाम पर महिला समिति द्वारा पूर्व में ही लोन स्वीकृत है। जिस पर महिला सदस्य अचरज में पड़ गई। तब तिलमिलाई महिला सदस्य ने समिति के अध्यक्ष व सचिव को अपना नाम हटाने वाली बात याद दिलाई और कहा समिति से मेरा नाम नही हटाये और मेरे नाम से लोन भी ले लिया तथा मेरे स्थान पर किसी और महिला सदस्य को खड़ा कर दिया।

जय माँ सरस्वती महिला समूह में अध्यक्ष व सचिव की मनमानी से सभी महिला सदस्य हैरत में है जब किसी महिला सदस्य में लोन की सहमति नही दी तो प्रस्ताव कैसे बन गया और लोन कैसे स्वीकृत हो गया? जब महिला सदस्यों को लोन की जानकारी हुई तो सभी ने अध्यक्ष व सचिव से जानकारी लेनी चाही तो इनके नखरे आसमान पर गोते लगा रहे थे कोई भी सीधे मुह बात करने को तैयार नही था।

लिहाजा महिला सदस्यों ने इस बात का विरोध करना उचित समझा। जब महिला सदस्यों ने एक स्थान पर एकत्र होकर प्रत्यक्ष रूप से अध्यक्ष व सचिव से इस बात का जिक्र करना चाहा तो अध्यक्ष नदारद बने हुए थे, जब सदस्यों ने जिला कलेक्टर जाने की बात कही तो, मिस्टर इंडिया की तरह अध्यक्ष व सचिव हाजिर हो गये। सदस्यों ने बताया कि बैठक में महिला सदस्यों के सवालो पर ये एकाएक भड़़कउठे और अनगर्ल आरोप लगाते हुए सदस्यों को दबाने का भरसक प्रयास करते रहे। कुछ महिला सदस्यों ने बताया कि अध्यक्ष के द्वारा जातिगत अभद्रता तक पेश की गई जिसके फलस्वरूप महिलाओं ने इनके खिलाफ कलेक्टर व थाना कटघोरा में शिकायत करने की मंशा बनाई और दूसरे दिन थाने में लिखित आवेदन प्रस्तुत किया है।

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