वनांचल गांवों में घर-घर जाकर की जा रही मलेरिया के मरीजों की पहचान
कोरबा 27 जून। जिले में मलेरिया मुक्ति अभियान शुरू किया गया है। इसी क्रम में अजगरबहार के सरपंच ने सबसे पहले जांच कराते हुए क्षेत्र में अभियान का आगाज किया। खुद जांच कराते हुए उन्होंने क्षेत्र के ग्रामीणों को भी स्वस्फूर्त आगे आने और जांच कराकर चिंता मुक्त होने को प्रोत्साहित किया। अजगरबहार उप स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत आस-पास के दस वनांचल गांवों में स्वास्थ्य अमला घर-घर जाकर जांच करेगा और मलेरिया पीड़ित लोगों की पहचान कर त्वरित उपचार की सुविधा प्रदान करेगा।
छत्तीसगढ़ मलेरिया मुक्ति अभियान 2021 के तहत जिला प्रशासन के निर्देश पर विकासखंड कोरबा व उप स्वास्थ्य केंद्र अजगरबहार के ग्राम सरईसिंगार और गौरबोरा से इस अभियान को शुरू किया गया। मुख्य अतिथि रहे सरपंच रीता कंवर की उपस्थिति में एमटीएस रामकृष्ण तंवर, प्रमोद यादव, एएनएम कलावती कंवर, मितानिन व ग्रामीण इस दौरान भागीदारी प्रदान की। एमटीएस रामकृष्ण साहू ने बताया कि यह अभियान 31 जुलाई तक चलाया जाएगा। इसमें सभी टीमों का चिन्हांकन कर जिम्मेदारियां दे दी गई हैं। चार उप स्वास्थ्य केंद्रों अंतर्गत दस ग्रामों में घर-घर जाकर आरडी किट से मलेरिया की जांच कराई जाएगी। कोविड-19 के लक्षण वाले मरीजों की पहचान भी की जाएगी। मलेरिया से ग्रसित मरीजों का तुरंत उपचार किया जाएगा। जिले में पोड़ी-उपरोड़ा विकासखंड के सात गांव पोड़ी-उपरोड़ा, बांगो, चिर्रा, बरपाली, दादर, कोनकोना व धौरामुड़ा में 11 हजार से अधिक लोगों की मलेरिया जांच का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए 24 जांच दल बनाए गए हैं। कोरबा विकासखंड के 10 गांव गौरबोरा, सरईसिंगार, सुरवे, कुटुरवां, छिरहुट, सरसाडेरा, डेंगरीमार, डेंगुरडीह, तौलीपाली और कटकोना में सात हजार 234 लोगों की मलेरिया जांच के लिए 19 टीमें लगाई गई है। पाली विकासखंड के नौ गांवो हिरवाडोली, लीमपानी, सुरका, हाथीबड़ी, पहाड़गांव, केरामुड़ा, राहा, रामाकछार और उड़ान के चार हजार 115 लोगों की मलेरिया जांच होगी। इसके लिए पाली विकासखंड में स्वास्थ्य विभाग ने 20 टीमें गठित की है।
राज्य को मलेरिया मुक्त करने में जिला भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा। इसके लिए शुक्रवार से मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान की शुरुआत की गई है। अभियान के तहत कोरबा के मलेरिया प्रभावित पोड़ी-उपरोड़ा, कोरबा, पाली विकासखंडों के 26 गांवो में 22 हजार 679 लोगों की मलेरिया जांच की जाएगी। सीएमएचओ डॉ.बीबी बोडे ने बताया कि अभियान के संचालन के लिए पूरी तैयारियां कर लीं गई है। मलेरिया जांच के लिए जिले में मलेरिया प्रभावित कुल 26 गांवों और उसके 63 पारा-मोहल्लों तक स्वास्थ्य विभाग की 64 टीमें पहुंचेंगी। यह अभियान अगले महीने 31 जुलाई तक चलेगा।
अभियान में मलेरिया पाजिटिव लोगों का फालोअप 31 अगस्त तक लेकर आवश्यकता अनुसार इलाज किया जाएगा। अभियान के तहत मितानिनों एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा मलेरिया प्रभावित घने जंगलों और पहाड़ों से घिरे क्षेत्रों के पहुंचविहीन, दुर्गम एवं दूरस्थ इलाकों में भी घर-घर पहुंचकर लोगों की आरडी किट से मलेरिया की जांच की जाएगी। जांच में मलेरिया पाजिटिव पाए गए लोगों को स्थानीय स्तर पर उपलब्ध खाद्य पदार्थ खिलाकर तत्काल मलेरिया के इलाज के लिए दवाई का सेवन चालू किया जाएगा। मितानिनों की निगरानी में उन्हें दवाइयों की पूरी खुराक दी जाएगी।
अभियान के दौरान लक्षित हर घर और हर व्यक्ति की जांच सुनिश्चित करने के लिए घरों में स्टीकर चस्पा कर जांच किए जाएंगे और लोगों के पैर के अंगूठे में निशान लगाकर मार्किंग की जाएगी। अभियान के दौरान बिना लक्षण वाले रिजर्वायर मरीज और लक्षण वाले मरीजों की जांच कर पूर्ण उपचार किया जाएगा। अभियान के बाद एक से अधिक एपीआई वाले उप स्वास्थ्य केंद्रों के सभी गांवों में मेडिकेटेड मच्छरदानियों का वितरण किया जाएगा। घरों में मच्छर पैदा करने वाले स्रोतों को भी नष्ट किया जाएगा। इसके साथ ही ऐसे मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में डीडीटी छिड़काव भी कराया जाएगा।