November 22, 2024

धार्मिक स्थलों में पूजा-पाठ व अनुष्ठान को मिली अनुमति

कोरबा 27 जून। जिले में कोरोना पाजिटिव मरीजों की संख्या में लगातार कमी दर्ज किए जाने से राहत की स्थिति है। इसे ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति दे दी है। प्रशासन से जारी किए गए संशोधन दिशा-निर्देश के अनुसार श्रद्धालु कोविड नियमों का पालन करते आस्था के केंद्रों में जाकर पूजा-आराधना कर सकते हैं। धार्मिक स्थलों में स्थापित प्रतिमा को स्पर्श करना व सामूहिक आयोजन करना अब भी प्रतिबंधित ही रखा गया है।

कोरोना महामारी और लाकडाउन के चलते पूजा स्थलों में श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति दी गई है। इसके तहत आगन्तुकों को परिसर में एक के बाद एक ही प्रवेश दिया जाएगा। परिसर में भीड़ इकट्ठा करना मना है साथ ही एक समय में अधिकतम पांच लोगों को ही प्रवेश की अनुमति रहेगी। धार्मिक स्थलों में लोगों को मास्क, सेनेटाइजर एवं सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। धार्मिक स्थलों के प्रवेश द्वार पर सेनेटाइजर डिस्पेंसर एवं थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था पूजा स्थल समिति या संस्था को करनी होगी। पूजा स्थल पर मूर्ति एवं धार्मिक गं्रथो को स्पर्श करना प्रतिबंधित होगा तथा स्थल में बड़ी सभाएं एवं मण्डली कार्यक्रम का आयोजन करना मना रहेगा। जहां तक संभव हो रिकार्ड किए गए भक्ति संगीत.गाने बजाए जा सकते हैं।

धार्मिक.पूजा स्थल के भीतर प्रसाद वितरण एवं पवित्र जल के छिड़काव करने की अनुमति नहीं रहेगी। परिसर में केवल बिना कोविड लक्षण वाले व्यक्तियों को ही प्रवेश की अनुमति रहेगी। फेस कवर या मास्क का उपयोग करने वाले व्यक्तियों को ही पूजा स्थलों में प्रवेश दिया जाएगा। परिसर के बाहर और भीतर स्थित सभी दुकानोंए स्टालों एवं कैफेटेरिया में हमेशा सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा। धार्मिक स्थल में प्रवेश के लिए कतार में खड़े होने वाले लोगों के बीच कम से कम छह फिट की शारीरिक दूरी रखना अनिवार्य होगा।
धार्मिक स्थल के प्रबंधकों को पूजा स्थल में आए हुए श्रद्धालुओं को कोविड टीकाकरण के लिए भी प्रेरित करना होगा। धार्मिक.पूजा स्थल के भीतर सार्वजनिक चटाई एवं दरी के उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा। आगंतुक अपने साथ स्वयं की दरी या चटाई ला सकते हैं। धार्मिक स्थल के प्रबंधकों को पूजा स्थल की नियमित स्वच्छता एवं सेनेटाइजेशन की व्यवस्था सुनिश्चित करना होगा। आगंतुकों और पूजा स्थल में उपयोगहीन सामाग्री अगर बत्ती के रेपरए फेस कवरए मास्क एवं दस्ताने आदि के लिए निपटान की व्यवस्था करना होगा।

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