October 5, 2024

संविदा कर्मियों ने नियमितीकरण को लेकर दी आन्दोलन की चेतावनी

कोरबा 31 जुलाई। विद्युत कंपनी ने मेनपावर कमी दूर करने नई भर्ती करने की तैयारी शुरू कर दी, पर कंपनी में कार्यरत संविदा कर्मियों को नियमित नहीं किया जा रहा। इससे संविदा कर्मियों में आक्रोश बढ़ गया है और उन्होंने कंपनी प्रबंधन को आंदोलन की चेतावनी दी है।

बिजली कर्मियों के प्रत्येक माह सेवानिवृत होने से अधिकारी. कर्मचारियों की कमी होते जा रही है। इससे कामकाज प्रभावित होने के साथ ही वर्तमान कर्मियों पर भी काम का बोझ बढ़ गया है। कंपनी ने संविदा के तौर पर कर्मचारियों को रख कर कई काम करा रही है। बावजूद स्वीकृत पद के अनुरूप मेनपावर नहीं है। इस समस्या से निपटने पिछले दिनों लगभग 2500 कर्मियों की नई भर्ती करने का निर्णय लिया गया। इसमें जूनियर इंजीनियरए लाइन परिचारक प्रशिक्षु डाटा एंट्री आपरेटर समेत अन्य पद शामिल हैं। नई भर्ती के पहले प्रबंधन ने संविदा पदस्थ कर्मियों को नियमित करने पर विचार नहीं कियाए इससे संविदा कर्मियों को अपना भविष्य अंधकारमय दिखाई देने लगा है। पत्राचार करने के बाद भी प्रबंधन की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं हो सकी। इससे संविदा कर्मियों में नाराजगी बढ़ गई है। उनका कहना है कि कंपनी उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। नियमतः नई भर्ती करने पहले उन्हें नियमित किया जाना चाहिए, तदुपरांत शेष पदों पर नई भर्ती की जानी चाहिए। कंपनी इसकी अनदेखी कर सीधी भर्ती करने की तैयारी कर रही है। इससे प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। अपने भविष्य को लेकर चिंतित संविदा कर्मियों ने प्रबंधन के समक्ष पत्राचार भी कियाए लेकिन प्रबंधन ने चर्चा करने के बाद आगे निर्णय लिया। इससे संविदा कर्मियों ने अब आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है। प्रबंधन को पत्र लिख कर कहा है कि जल्द ही उनकी मांग पूरी नहीं की जाती है तो क्षेत्रीय स्तर पर चरणबद्ध आंदोलन करते हुए कंपनी मुख्यालय के सामने धरना प्रदर्शन व घेराव किया जाएगा।

संविदा कर्मियों ने कहा कि 11 अगस्त के पहले उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास समक्ष धरना प्रदर्शन के साथ ही अनिश्चितकालीन घेराव किया जाएगा। इसके बाद भी मांग पूरी नही की जाती है तो संविदा कर्मी उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। उन्होने आंदोलन का पत्र विद्युत कंपनी के साथ ही मुख्यमंत्री को भी सौंपा है। कर्मियों का कहना है कि प्रबंधन उनकी समस्या को गंभीरता से निराकरण करने पहल करे।

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