November 25, 2024

वॉशिंगटन पहुंचे मोदी, हुआ जोरदार स्वागत

वॉशिंगटन 23 सितम्बर। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे के लिए वॉशिंगटन पहुंच गए हैं। वॉशिंगटन में पी एम मोदी का जोरदार स्वागत देखने को मिला। एयरपोर्ट पर पीएम मोदी के स्वागत के लिए अमेरकी विदेश मंत्रालय के कई अधिकारी पहुंचे थे।

वहीं, भारत के अमेरिका में राजदूत तरणजीत सिंह संधु भी हवाईअड्डे पर मौजूद थे। पीएम मोदी के आने की खुशी में हवाईअड्डे पर 100 से ज्यादा भारतीय समुदाय के लोग भी पहुंचे थे। अपने इस दौरे पर पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे और क्वाड देशों के नेताओं संग बैठक करेंगे। इसके अलावा पीएम मोदी व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे।

पीएम मोदी के वॉशिंगटन पहुंते ही भारतीय समुदाय के लोगों ने नारे लगाने शुरू कर दिया। खास बात यह थी कि बारिश के बावजूद भारतीय-अमेरिकी पीएम मोदी का इंतजार करते रहे। पीएम मोदी ने भी अपनी गाड़ी से उतरकर बड़ी गर्मजोशी से इन लोगों से मिलकात की।

पीएम मोदी ने भी ट्वीट कर अपने वॉशिंगटन पहुंचने की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, ‘वॉशिंगटन डीसी पहुंच गया। अगले दो दिनों में मैं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, स्कॉट मॉरिसन, योशिहिदे सुगा से मिलूंगा। इस दौरान मैं क्वाड मीटिंग में हिस्सा लूंगा और शीर्ष कंपनियों के सीईओ से मुलाकात कर भारत में आर्थिक उपलब्धियों को उनके सामने रखूंगा।’

पीएम मोदी और जो बाइडेन की मुलाकात 24 सितंबर यानी भारतीय समयानुसान शुक्रवार को होगी। इसी साल 20 जनवरी को अमेरिका का राष्ट्रपति पद संभालने के बाद यह पीएम मोदी के साथ बाइडेन की पहली आमने-सामने मुलाकात होगी। वहीं, कोरोना महामारी के बीच पीएम मोदी का भी यह पहला बड़ा विदेश दौरा है।

23 सितंबर

  • इसके बाद पीएम क्वाड के साझेदार देशों के नेताओं के साथ बैठक करेंगे। इसमें वे ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के पीएम योशिहिदे सुगा से अलग-अलग द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
  • मोदी इसी दिन अमेरिका की बड़ी कंपनियों के टॉप अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इनमें एपल के सीईओ टिम कुक के अलावा क्वालकॉम, एडोबी, फर्स्ट सोलर, जनरल एटॉमिक्स और ब्लैकस्टोन के सीईओ शामिल होंगे।
  • पीएम मोदी इसी दिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की मेजबानी वाले एक गाला डिनर में भी शामिल होंगे। इसमें उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के भी शामिल होने का अनुमान है।

24 सितंबर

  • मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच द्विपक्षीय वार्ता। इसके बाद अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के राष्ट्राध्यक्षों के साथ क्वाड की पहली आमने-सामने बैठक।

25 सितंबर

  • प्रधानमंत्री मोदी न्यूयॉर्क में शनिवार सुबह छह बजे (भारतीय समयानुसार शाम 6.30 बजे) संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र को संबोधित करेंगे। इसके बाद कुछ अन्य कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर वे 27 सितंबर को भारत लौट आएंगे।

मोदी के दौरे में किस कार्यक्रम में क्या होंगे मुद्दे?

  1. क्वाड समिट
    प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिकी दौरे में सबसे खास कार्यक्रम होगा क्वाड देशों के नेताओं की आमने-सामने होने वाली पहली बैठक। दरअसल, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत ने अब तक वर्चुअल तरीके से ही क्वाड की बैठक में हिस्सा लिया है। ऐसे में पहली बार चारों देशों के नेता एक छत के नीचे हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर बातचीत करेंगे।
    इस बैठक की अहमियत इसलिए भी बढ़ जाती है, क्योंकि क्वाड का गठन ही मुख्य तौर पर चारों देशों को चीन से मिल रही चुनौती के चलते हुआ था और पिछले एक साल में जहां भारत को लद्दाख सीमा, तो जापान को सेनकाकू द्वीप समूह, ऑस्ट्रेलिया को व्यापार युद्ध (ट्रेड वॉर) और अमेरिका को कूटनीतिक- राजनयिक मोर्चे पर चीन की तरफ से जबरदस्त चुनौती मिल रही है।

अधूरे वादों को पूरा करना प्राथमिकता

इससे पहले भी चारों देशों के बीच 12 मार्च को वर्चुअल बैठक हुई थी, जिसमें आजाद हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साथ कोरोनावायरस से लड़ाई में सहयोग बढ़ाने की बात कही गई थी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एलान किया था कि वे दुनिया के सबसे बड़े टीका उत्पादक देश भारत की वैक्सीन उत्पादन बढ़ाने में मदद करेंगे और गरीब देशों तक टीके पहुंचाएंगे। तब योजना बनी थी कि हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल ई जॉनसन एंड जॉनसन से वैक्सीन बनाने का लाइसेंस हासिल करेगा और जापान इस प्रोजेक्ट की फंडिंग करेगा। ऑस्ट्रेलिया पर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थित देशों को वैक्सीन बांटने का जिम्मा दिया गया था। लेकिन फिलहाल क्वाड देशों का यह वादा अधूरा है।

इसके अलावा जलवायु परिवर्तन पर एक समग्र नीति पर भी विचार किया जाना बाकी है। क्वाड की इस बैठक में अफगानिस्तान के संकट और वैश्विक व्यापार में चीन के बढ़ते एकाधिकार पर भी चर्चा होगी। दरअसल, कोरोना महामारी का बहाना बनाते हुए चीन ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए सबसे महत्वपूर्ण सेमीकंडक्टरों की सप्लाई रोक दी है। इन्ही सेमीकंडक्टरों के जरिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, इलेक्ट्रिक कारों, मोबाइल, कंप्यूटर में लगने वाली चिप का निर्माण होता है। ऐसे में दुनियाभर में चिप वाले उत्पादों की आपूर्ति पर संकट खड़ा हो गया है। क्वाड बैठक में इस सप्लाई चेन को भी दोबारा शुरू किए जाने पर बात होगी। इसके अलावा चीन की बेल्ट एंड रोड परियोजना का मुकाबला करने के लिए चारों देश अलग इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर भी बातचीत कर सकते हैं।

चारों नेताओं के साथ अलग-अलग बैठकें भी अहम
पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के पीएम योशिहिदे सुगा से भी अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। जहां मॉरिसन के साथ पीएम पहले भी बैठकों में हिस्सा ले चुके हैं, वहीं बाइडन और सुगा के साथ यह उनकी पहली मुलाकात होगी। हालांकि, ओबामा के राष्ट्रपति रहने के दौरान जब बाइडन उपराष्ट्रपति थे, तब मोदी ने उनसे मुलाकात कर चुके हैं।

द्विपक्षीय बैठकों में क्या मुद्दे?
पीएम मोदी इन द्विपक्षीय बैठकों में साथी देशों के साथ अफगानिस्तान, चीन की क्षेत्रीय आक्रामकता, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन के बीच परमाणु सबमरीन के निर्माण को लेकर हुए ऑकस समझौते, जलवायु परिवर्तन और व्यापार में प्राथमकिता का मुद्दा उठाएंगे। अमेरिका के साथ पीएम एक बार फिर जीएसपी सिस्टम (जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रिफरेंस) बहाल करने की मांग उठाएंगे, ताकि भारतीय उत्पादों को अमेरिका में फिर से ज्यादा बाजार मिल सके। उधर ऑस्ट्रेलियाई पीएम के साथ मोदी की फ्री ट्रेड डील पर चर्चा संभव है। जापान के पीएम सुगा भारत के बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने पर बातचीत कर सकते हैं।

यूएनजीए में मोदी का संबोधन
प्रधानमंत्री मोदी अपने दौरे के आखिरी चरण में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे। खास बात यह है कि पीएम का यह संबोधन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के संबोधन के एक दिन बाद आएगा। मोदी इस मौके पर आतंकवाद से लेकर अफगानिस्तान में फैले संकट को लेकर पाकिस्तान को घेर सकते हैं। इसके अलावा दुनिया को वैक्सीन मुहैया कराने की चुनौतियों पर भी अहम घोषणाएं की जा सकती हैं।

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