महंत नरेंद्र गिरि की मौत मामले में सी बी आई जांच आरम्भ
प्रयागराज 23 सितम्बर।अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत मामले में योगी सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी. उत्तर प्रदेश सरकार के गृह विभाग ने मामले की जांच के लिए केंद्र सरकार से सीबीआई जांच की सिफारिश की. इसके बाद सी बी आई की टीम प्रयागराज पहुंच गई है.
सीबीआई की टीम में पांच सदस्य हैं. केस हैंडओवर लेने से पहले सीबीआई की एक टीम केस की जानकारी ले रही है. सीबीआई एफआईआर की कॉपी लेने के लिए पुलिसलाइन पहुंची है. पुलिस लाइन में एसआईटी टीम और प्रयागराज पुलिस के आलाधिकारी भी मौजूद हैं. जल्द ही सीबीआई केस को अपने हाथ में लेकर जांच शुरू करेगी.
दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाना चाहती है और निष्पक्ष जांच को देखते हुए सीबीआई जांच की सिफारिश की है.
गौरतलब है कि नरेंद्र गिरी की मौत के मामले में लगातार सवाल उठ रहे हैं और कई राजनेताओं से लेकर संत-समाज से जुड़े लोग भी इसे आत्महत्या का मामला मानने से इनकार कर रहे हैं. पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग उठ रही थी.
अभी तक इस मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. दरअसल नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट में आनंद गिरि, आद्या तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी को मौत का जिम्मेदार बताया गया था. उसमें लिखा था कि ये तीनों ब्लैकमेल कर रहे हैं और मानसिक तौर पर प्रताड़ित कर रहे हैं. नरेंद्र गिरि ने तीनों को अपनी मौत का जिम्मेदार सुसाइड लेटर में बताया था, जिसके आधार पर यूपी पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया था.
इससे पहले सीजेएम कोर्ट में पेश की गई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में नरेंद्र गिरि के शरीर पर चोट के निशान नहीं मिले हैं. उनकी मौत दम घुटने के कारण बताई गई है. रिपोर्ट में हैंगिंग की बात भी आई है. उनके गले पर वी शेप का निशान पाया गया है, जो फंदा लगाने के कारण ही आता है. ऐसे में पुलिस कुछ हद तक स्पष्ट है कि नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या की है और उनकी मौत फंदे से लटकने के कारण ही हुई है.
दोपहर 3 से साढ़े तीन बजे के बीच हुई मौत: पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार नरेंद्र गिरि की मौत दोपहर में 3 से साढ़े तीन बजे के बीच हुई है. इससे स्पष्ट है कि खाना खाने के बाद आराम करने गए नरेंद्र गिरि ने पहले वीडियो बनाया और उसके बाद सुसाइड नोट लिख कर आत्महत्या कर ली. काफी देर तक जब वे बाहर नहीं आए तो उनके शिष्यों ने दरवाजा तोड़कर देखा तो गिरि पंखे में रस्सी डालकर फंदे से लटके हुए थे. इसके बाद पुलिस को सूचित किया गया. लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी.