November 24, 2024

सुराकछार खदान में हादसाः कन्वेयर बेल्ट से स्लिप हुआ कामगार की दर्दनाक मौत

कोरबा 28 नवंबर। साउथ इस्टर्न कोलफील्डस लिमिटेड कोरबा क्षेत्र के सुराकछार सब एरिया के अंतर्गत खदान नंबर 3-4 में पिछली मध्य रात्रि को हुए हादसे में एक कामगार की दर्दनाक मौत हो गई। वह ड्रीलर के तौर पर काम करता था। उसे अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं मिल सकी। इसे लेकर सहकर्मियों और अन्य लोगों ने अस्पताल के सामने जमकर हंगामा किया।

अधिकारिक जानकारी के अनुसार 59 वर्षीय कर्मी रामचरण उरांव की सुराकछार खदान-4 में हुए हादसे में सांसे थम गई। कुदरीपारा बांकीमोंगरा में रहने वाला एसईसीएल कर्मी नाईट शिफ्ट में काम करने के लिए खदान गया हुआ था। यहां की भूमिगत खदान में सुरक्षा उपायों पर विशेष ध्यान देने के दावे किये जाने के बीच यह हादसा हुआ। खबर के अनुसार उरांव खदान में काम पर लगा हुआ था। उसी दरम्यान कन्वेयर बेल्ट के पास वह एकाएक स्लिप हुआ इससे कर्मी के सिर और अन्य हिस्सों में गंभीर चोंटे आयी। हादसे के दौरान धमाके जैसी आवाज सुनने के साथ खदान के दूसरे पैनल में काम कर रहे कर्मी हरकत में आये। उन्होंने मौके पर पहुंचकर देखा तो उरांव लहूलुहान स्थिति में पड़ा था। सहकर्मियों ने इस बारे में कॉलरी मैनेजर और माइनिंग सरदार को अवगत कराया। आनन फानन में रेस्क्यु आपरेशन शुरू किया गया। घटना स्थल से ड्रीलर उरांव को बाहर निकाला गया। इसके बाद उसे अस्पताल भिजवाया गया। तब तक उसकी सांसे समाप्त हो चुकी थी। बताया गया कि यहां पर औपचारिक कार्रवाई की गई। पीड़ित को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिलने को लेकर जमकर हंगामा हुआ।

कोरबा क्षेत्र में अधिकांश भूमिगत खदानें संचालित हो रही है। इनमें कोयला का पर्याप्त स्टाक है, जिसका दोहन आगामी कई वर्षों तक किया जाना है। खदानों से होने वाले लाभ के बावजूद एसईसीएल के अधिकारियों को लेकर कहा जाता है कि वे खदानों का प्रत्यक्ष का जायजा लेने और वहां की समस्या जानने के प्रति गंभीर नहीं है। खदानों में क्या कुछ सुधार किया जाना है, इस पर दिलचस्पी नहीं ली जा रही है। इस स्थिति में भीतर के सभी कार्यों का संपादन कामगार कर रहे है।

कामकाज के दौरान होने वाली मौत को लेकर कोलइंडिया के सभी कंपनी मृत कर्मी के एक आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ देती है। इसके लिए शेड्युल बना हुआ है। इसके बाद भी शिकायत है कि एसईसीएल में कोरबा जिले से सहित अन्य जिलों में अनुकंपा नियुक्ति के मामले में कृपा अटकी हुई है। जानकार बताते हैं कि कई नेतानुमा लोग ऐसे प्रकरणों में दलाली के रास्ते बताते हैं। जरूरत महसूस की जा रही है कि संवेदना से जुड़े ऐसे मामलों में फौरी तौर पर अनुकंपा नियुक्ति देने के लिए कार्रवाई की जानी चाहिए।

अब जबकि 4 नंबर खदान में हादसा होने के साथ एक कर्मचारी की मौत हो गई है, ऐसे में एक बार फिर एसईसीएल के काम करने के तौर तरीके और सुरक्षा मापदंडों पर सवाल उठने ही है। ऐसे प्रकरणों में खान सुरक्षा महानिदेशालय के स्तर पर जांच की जाती है। वह कई एंगल से जांच के बाद कार्रवाई करता है। संभव है कि आगामी दिनों में डीजीएमएस की टीम इस खदान की जायजा लेगी।

Spread the word