November 22, 2024

कलेक्टर श्रीमती साहू की पहल पर दो महीने में ही मिली अनुकंपा नियुक्ति


कलेक्टर ने दिया नियुक्ति पत्र, दिवंगत क्लर्क के पुत्र की भू-अभिलेख शाखा में हुई पदस्थापना

कोरबा 9 दिसंबर। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू की पहल पर कलेक्टर कार्यालय के भू-अभिलेख शाखा में पदस्थ क्लर्क के मृत्यु होने के दो महीने में ही उनके पुत्र को नौकरी मिल गई है। भू-अभिलेख शाखा में सहायक ग्रेड-3 में पदस्थ स्व. रोहित यादव के पुत्र श्री पीयुष यादव को भू-अभिलेख शाखा में ही सहायक ग्रेड-3 के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी गई है। स्व. रोहित यादव की आकस्मिक मृत्यु पांच अक्टूबर 2021 को हो गई थी। उन्हें पीलिया, शुगर एवं किडनी की भी बीमारी थी। काफी समय से उनका ईलाज रायपुर के एम्स अस्पताल में चल रहा था। स्व. रोहित यादव के मृत्यु के पश्चात उनके बारहवीं पास पुत्र श्री पीयुष यादव ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने संवेदनशीलता दिखाते हुए आवेदन पर त्वरित कार्रवाई की। कलेक्टर के त्वरित कार्रवाई के फलस्वरूप काफी कम समय में ही पीयुष यादव को अनुकंपा नियुक्ति मिल गई है। कम समय में नौकरी मिल जाने से पीयुष यादव और उनके परिवार वालों ने जिला प्रशासन के प्रति आभार जताया है। कलेक्टर श्रीमती साहू ने नियुक्ति पत्र जारी करते हुए पीयुष यादव और उनके परिवार को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने पीयुष यादव को पूरी निष्ठा और सेवा भाव से काम करने की भी सलाह दी।

राज्य शासन द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति के 10 प्रतिशत पदों के सीमा बंधन को 31 मई 2022 तक शिथिल किया गया है। इसके फलस्वरूप स्व. रोहित यादव के पुत्र पीयुष यादव को अनुकंपा नियुक्ति दी गई है। मूलतः बालोद जिले के निवासी स्व. रोहित यादव लगभग आठ वर्षों से भू-अभिलेख शाखा में सहायक ग्रेड-3 के पद पर पदस्थ थे। काफी लंबे समय से वह किडनी शुगर आदि बीमारियों से परेशान थे। उनका निरंतर ईलाज चल रहा था। उनके दो पुत्री और एक पुत्र हैं। नौकरी मिलने के बाद पीयुष यादव ने बताया कि उनके पिताजी की मृत्यु के पश्चात् परिवार को विपरित आर्थिक परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा था। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। परिवार के सामान्य खर्चे चलाने में भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा था। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा काफी कम समय में अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने से घर के आर्थिक परिस्थितियों में सुधार होगी। कक्षा बारहवीं तक पढ़ाई कर चुके पीयुष ने बताया कि नौकरी मिलने से स्वयं और उनकी दोनों बहनों की आगे की पढ़ाई में भी सहायता मिलेगी।

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