November 22, 2024

नगर निगम कोरबा के बजट में बांकीमोंगरा क्षेत्र की उपेक्षा

कोरबा 2 अप्रेल। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कोरबा नगर निगम द्वारा पारित बजट को पानी के नाम पर फर्जी बिल थमाकर गरीबों को लूटकर राजस्व बढ़ाने वाला बजट करार दिया है। बजट में बांकी मोंगरा क्षेत्र की उपेक्षा का भी आरोप माकपा ने लगाया है।

माकपा की पार्षद राजकुमारी कंवर ने पहले ही महापौर और आयुक्त को ज्ञापन देकर पूर्व में जारी अनाप शनाप पानी के बिलों को निरस्त करने, पेयजल आपूर्ति योजना के निजीकरण को रद्द करने, निगम क्षेत्र में राजस्व एवं वन भूमि पे कबीजो को पट्टा देने के साथ क्षेत्र के विकास के लिए बजट में स्पष्ट घोषणा की मांग की थी।बजट के दौरान भी माकपा की दोनों पार्षदों राजकुमारी कंवर और सुरती कुलदीप ने पानी के अनाप शनाप बिलों को निरस्त करने की मांग महापौर से की लेकिन जनता को राहत देने वाले सभी मांगो पर महापौर ने अपने बजट के भाषण में कुछ नहीं कहा पानी के बिल के नाम पर चुप्पी साधने का आरोप भी माकपा ने महापौर पर लगाया है।
माकपा ने कहा की महापौर बजट पारित कराने में सफल जरूर हो गए है, लेकिन जनता का दिल नहीं जीत सकते।

माकपा के जिला सचिव प्रशांत झा ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया में कहा है कि करोडों के बजट में आम जनता के लिए न विकास है, न राहत, जबकि अधिकांश नागरिकों की आजीविका कोरोना संकट के कारण प्रभावित हुई है और उनकी आय में भयंकर गिरावट आई है। यही कारण है कि माकपा ने गरीब जनता के पानी के अनाप शनाप बिलों को निरस्त करने संपत्ति कर सहित अन्य बकाया कर माफ करने, राजस्व भूमि व वन भूमि पर वर्षों से काबिज परिवारों को पट्टे और भू-अधिकार पत्र देने की मांग कई बार की है। आम जनता को राहत देने पर चुप्पी साधने का सीधा मतलब है कि आम जनता की समस्या से महापौर को कोई मतलब नहीं है सदन में बजट जरूर पास करा लिए लेकिन निगम द्वारा जबरन संपत्ति और पानी बिल के टेक्स वसूली को जनता स्वीकार करने वाली नहीं है। किसान आंदोलन की तरह ही माकपा पानी के बिलों को रद्द कराने के लिए जनता को लामबंद करके सड़कों पर उतरेगी और निगम प्रशासन को अनाप शनाप बिल को वापस लेना ही होगा।
माकपा नेता झा ने कहा कि पिछड़े हुए बांकी मोंगरा क्षेत्र के विकास के लिए बजट में कुछ नहीं है और यह बांकी मोंगरा क्षेत्र के नागरिकों के साथ खुला विश्वासघात है। इस क्षेत्र की जनता इसका जवाब अपने प्रतिरोध आंदोलन के जरिये देगी।

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