राजस्थान: सरकार गिराने की साजिश का दावा फुस्स, SOG ने माना-नहीं बनता कोई केस
एसओजी ने दावा किया कि ब्यावर में रहने वाले भरत मालानी और उदयपुर के रहने वाले अशोक सिंह कई लोगों के साथ मिलकर राजस्थान सरकार गिराने की साजिश कर रहे थे. इस मामले में एसओजी के इंस्पेक्टर के दर्ज कराए गए बयान के आधार पर SOG ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को नोटिस जारी कर दिया.
- फुस्स हुई सरकार गिराने वाली साजिश से जुड़ी FIR
- कोई मामला नहीं बन रहा है-राजस्थान पुलिस
- कोर्ट ने FIR बंद करने की इजाजत दी
राजस्थान में सरकार गिराने की कथित साजिशों का खुलासा करने वाली राजस्थान पुलिस की एसओजी ने 28 दिन बाद तीनों FIR यह कहकर बंद कर दी हैं कि इसमें कोई मामला नहीं बन रहा है. स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के वकील संत कुमार ने कोर्ट से कहा है कि इस मामले में हम कोई कार्यवाही नहीं चाहते हैं. कोर्ट ने इसकी इजाजत देते हुए गिरफ्तार आरोपी संजय जैन, भरत मालानी और अशोक सिंह को छोड़ने का आदेश दिया है, हालांकि संजय जैन अभी एंटी करप्शन ब्यूरो में 5 दिन की रिमांड पर हैं, इस वजह से वो अभी नहीं छूट पाएंगे.
क्या था मामला
राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने 10 जुलाई को मामला दर्ज किया था कि एक तस्कर का मोबाइल सर्विलांस पर लेने के दौरान हमें राज्य सरकार गिराने की साजिशों का पता चला है.
एसओजी ने दावा किया कि ब्यावर में रहने वाले भरत मालानी और उदयपुर के रहने वाले अशोक सिंह कई लोगों के साथ मिलकर सरकार गिराने की साजिश कर रहे थे. इस मामले में एसओजी के इंस्पेक्टर के दर्ज कराए गए बयान के आधार पर SOG ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को नोटिस जारी कर दिया. यह मामला राजद्रोह की धाराओं के अंतर्गत दर्ज किया गया था.
विधायक खरीद-फरोख्त का ऑडियो जारी होने के बाद सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी की शिकायत पर दो मामले और दर्ज कर लिए गए. SOG ने कई जगह छापेमारी की और संजय जैन को गिरफ्तार कर लिया.
बता दें कि इससे पहले स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने राजस्थान हाईकोर्ट से कहा था कि इस मामले में राजद्रोह का केस नहीं बनता है इसलिए हम राजद्रोह की धाराओं को वापस लेना चाहते हैं.
बीजेपी का हमला
अब मुदकमा वापस लेने पर बीजेपी हमलावर है. बीजेपी कह रही है कि SOG ने 24 जगहों पर छापेमारी की और मानेसर और दिल्ली की होटलों में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप को भेजकर राजस्थान पुलिस से नौटंकी करवाई. बीजेपी ने कहा कि राजस्थान SOG ने हरियाणा पुलिस के डीजीपी तक को जांच में सहयोग के लिए लिखा और अब कह रही है कि मामला ही नहीं बनता है. बीजेपी ने कहा कि निर्दोष लोगों को 1 महीने तक जेल में रखने की सजा किस को मिलनी चाहिए.