छत्तीसगढ़ राजकाज आई पी एस जितेन्द्र शुक्ल का एक बार फिर तबादला, सरकार की कार्यशैली सवालों के घेरे में Markanday Mishra August 9, 2020 राजनांदगांव 9 अगस्त। जिले के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला एक बार फिर स्थानांतरित कर दिए गए हैं. उनकी सख्त और संतुलित कार्यशैली का सिला सरकार ने उन्हें इस तरह दिया है कि उनका साल में तीन बार ट्रांसफर किया गया।यह संभावनाएं तब से थीं जब उन्होंने जुलाई में जारी जिले भर के थाना प्रभारियों को एक ही आदेश में इधर से उधर कर दिया था। शुक्रवार को सरकार ने उन्हें कबीरधाम में 17वीं बटालियन का कमांडेंट नियुक्त कर दियाहै।कहा जाता है कि इस स्थानांतरण की भूमिका तब तैयार हुई जब पुलिस अधीक्षक शुक्ला ने खैरागढ़ पुलिस अनुविभाग में पदस्थ एक टीआई का तबादला रोकने से मना कर दिया था। सूत्रों की माने तो जिस अधिकारी का इन्होंने स्थान्तरण किया उनकी लंबी शिकायत आम जन के साथ साथ उनके ही एक थाना कर्मी ने जिला एस. पी. से मिलकर उनके साथ किये दुर्व्यवहार की शिकायत की थी, जिसके उजागर होते ही शायद विभाग की काफी किरकिरी भी होती जो पुलिस विभाग की छवि को धूमिल करता। बहरहाल उन्होंने उक्त कर्मी को आश्वस्त किया था कि इस पर जरूर कार्यवाही करेंगे और उन्होंने शायद इसी के चलते उनका स्थान्तरण अन्यत्र किया था।बताया जाता है कि इस सबन्ध में काफी राजनीति हुई, इस मामले में जब उच्च स्तर से उन्हें सिफारिश के लिए फोन आया था, तो दो टूक शब्दों में उन्होंने कहा था, *“यह मेरा कार्यक्षेत्र है”।* जो सिफारिशों के आकाओं को पसंद नहीं आई।शुक्ला जब सुकमा एसपी थे तब भी उनकी मौजूदा आबकारी मंत्री कवासी लखमा से इसी बात को लेकर ठन गई थी, जिसके बाद में उन्हें सुकमा से हटा दिया गया। फिर उन्हें महासमुंद का पुलिस अधीक्षक बनाया गया था।शुक्ला की कार्यशैली उनकी अलग छाप छोड़ती है राजनांदगांव में प्रभार संभालते ही उन्होंने कई बड़े बड़े मामले खोल कर रख दिए जिसमें कई बेनकाब हुए । अवैध शराब की जखीरा का खेप हो या नक्सल मोर्चे पर बड़ी कामयाबी या फिर ठग गिरोह की धर पकड़ या रसूखदारों के खिलाफ एक्शन। उन्होंने कम समय में ही परिवार से बिछड़े लोंगों को उनके परिवारों से मिलवाया। यहां तक कि कोरोना संक्रमण के दौर में कई गरीब परिवार को भोजन भी कराया, इनने कम समय मे ही अपने नेतृत्व को साबित कर दिया।बहरहाल, उन्होंने बीते 25 मार्च को यहां पदभार संभाला था।महज चार महिने बाद वे अब नई जिम्मेदारी संभालेंगे। लेकिन इस तबादले ने राज्य सरकार की कार्यशैली को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। सबसे बड़ा सवाल यह कि ये सरकार कैसा नवा छत्तीसगढ़ गढ़ना चाहती है? नवा छत्तीसगढ़ में माफियाओं का राज होगा या कानून का? करप्ट नौकरशाह को संरक्षण मिलेगा या ईमानदार को? Spread the word Continue Reading Previous अधिकारी बताकर ट्रांसपोर्टरों से अवैध वसूली करने वालों को पुलिस ने किया गिरफ्तार… युवती का भी किया था अपहरण …जानिए पूरा मामलाNext Breaking: रमन सिंह की बढ़ी मुश्किलें.. काँग्रेस नेता विनोद तिवारी की शिकायत में PMO ने शुरू की जाँच.. Related Articles कोरबा छत्तीसगढ़ एकजुटता से प्रगति पथ अग्रसर बालको – निर्मलेंदु Admin November 3, 2024 कोरबा छत्तीसगढ़ स्तन कैंसर जागरुकता माह: कैंसर का शीघ्र पता लगाने और पूर्वाग्रह मुक्त सम्वाद का चैम्पियन बना वेदांता का बालको मेडिकल सेंटर Admin November 3, 2024 कोरबा छत्तीसगढ़ बालको ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के सपने को कर रहा साकार Admin November 3, 2024