कड़कड़ाती ठंड में भी भू-विस्थापित करते रहे प्रदर्शन
0 मानिकपुर जीएम कार्यालय के बाहर दूसरे दिन भी जारी रहा धरना
कोरबा। एसईसीएल मानिकपुर खदान में नियोजित ठेका कंपनी में रोजगार की मांग को लेकर प्रभावित गांव के ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है। बुधवार सुबह 8 बजे से मानिकपुर जीएम कार्यालय गेट पर ताला जड़कर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस बीच प्रबंधन के अफसरों ने उन्हें रोजगार को लेकर आश्वासन दिया, लेकिन वे ठेका कंपनी में ज्वाइनिंग देने की बात पर अड़े रहे। वे पूरी रात कड़कड़ाती ठंड में धरना प्रदर्शन करते रहे। गुरुवार को भी जीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन जारी रहा।
एसईसीएल मानिकपुर खदान में ओवर बर्डन का काम कलिंगा कमर्शियल कारपोरेशन लिमिटेड को मिला है। वर्तमान में कंपनी में हेल्पर, ड्राइवर, सुपरवाइजर के पद रिक्त होने की जानकारी प्रभावितों को मिली थी। भू-विस्थापित ग्राम भिलाईखुर्द, दादरखुर्द, रांपाखर्रा सहित अन्य गांवों के लगभग 250 से 300 बेरोजगार नौकरी के लिए चक्कर काट रहे हैं। कई बार वे कंपनी का काम भी बंद करा चुके हैं। बीते 29 अक्टूबर को भी काम बंद आंदोलन किया गया था, जिस पर प्रबंधन ने लिखित आश्वासन दिया था। आश्वासन के बाद भी ठेका कंपनी कलिंगा में स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिया जा रहा था। इसे लेकर कृषि कल्याण परिषद सदस्य अमन पटेल व वार्ड क्रमांक 9 के पार्षद रूपसिंह ने अधिकारियों को रोजगार की मांग को लेकर उग्र आंदोलन करने संबंधित ज्ञापन सौंपा था। इसके तहत बुधवार सुबह 8 बजे से खदान प्रभावित गांव के भू-विस्थापितों ने रोजगार की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया। मानिकपुर जीएम कार्यालय गेट पर ताला जड़कर सामने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। घंटों बाद एसईसीएल के अधिकारी उन्हें रोजगार का आश्वासन देने भी पहुंचे थे, लेकिन वे ठेका कंपनी में ज्वाइनिंग देने की बात पर अड़े रहे। देर शाम तक उनका अनिश्चितकालीन आंदोलन चलता रहा। पूरी रात वे धरना स्थल पर डटे रहे। गुरुवार को भी उनका प्रदर्शन जारी रहा। अब वे मानिकपुर खदान बंदी की तैयारी में हैं। अमन पटेल और पार्षद रूपसिंह ने बताया कि जांजगीर-चांपा सहित अन्य जिले के बाहरी लोगों को रोजगार पर रखा जा रहा है, जबकि प्रभावित ग्राम के बेरोजगार नौकरी के लिए चक्कर काट रहे हैं। उन्होंने कहा कि मांग पूरी होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। जीएम कार्यालय के बाहर किए जा रहे प्रदर्शन के बाद भी रोजगार नहीं मिला तो उन्होंने खदान में कामकाज ठप करने का ऐलान किया है।