November 22, 2024

आईपीएस में कक्षा 1 व 2 के विद्यार्थियों ने उच्चतम अंक अर्जित कर विद्यालय का किया नाम रौशन

कोरबा। इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में कक्षा पहली एवं दूसरी के वार्षिक परीक्षा परिणामों की घोषणा की गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आर.पी. विश्वकर्मा (जीएम, मारुती पावर प्लांट) एवं डॉ. आरसी बावरिया सहित बच्चों के अभिभावक उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के तैल चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलन से की गई। इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने परीक्षा प्रभारी सोमा सरकार एवं कक्षा शिक्षिकाओं के सहयोग से परिणामों की घोषणा की तथा श्रेणीवार छात्र-छात्राओं को मुख्य अतिथि ने मैडल, प्रमाण-पत्र व कैप पहनाकर सम्मानित किया। सफल छात्र-छात्राओं को स्कूल के प्राचार्य डॉ. गुप्ता ने मेडल एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया। टॉप टेन में कक्षा पहली के प्रेरणा कंवर, विरिका प्रिया, सृष्टि, अविराज हूडा, शिवेश अग्रवाल, आरोही शर्मा, डिगेश साहू, ताम्या सिंह, विदिता कंवर एवं सभ्य रत्नाकर ने प्रावीण्य सूची में अपना स्थान बनाया। कक्षा दूसरी से टॉप 10 में दिव्यांश चंद्रा, हार्दिका मालव, अक्षांश जायसवाल, हृदयांश मालव, आरव पंडित, आरना मिश्रा, निखिल साहू, रुद्र प्रताप, सौर्य विश्वकर्मा एवं आर्निका दुबे ने अपनी कुशाग्रता का परिचय दिया। सभी मेधावी विद्यार्थियों को मैडल सहित प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि विश्वकर्मा ने कहा कि शिक्षा जीवन का अमूल्य धन व खजाना है जिसे कोई नहीं चुरा सकता। जितना खर्च करेंगे, उतना बढ़ेगा। शिक्षा ही हमें अन्य जीवित प्राणियों से अलग करती है। यह मनुष्य को पृथ्वी का सबसे चतुर प्राणी बनाता है। यह हमें सशक्त बनाती है और जीवन की चुनौतियों का कुशलता से सामना करने के लिए तैयार करती है। यह मानव जीवन की सबसे महत्वपूर्ण इकाई है। जीवन में सफल होने और कुछ अलग करने के लिए शिक्षा बहुत आवश्यक है। अतिथि डॉ. बावरिया ने कहा कि शिक्षा का महत्व सनातन काल से अब तक है और रहेगा। शिक्षा इस प्रकार की होनी चाहिए कि व्यक्ति अपने परिवेश से परिचित हो सके। शिक्षा हम सभी के भविष्य के लिए बहुत ही आवश्यक साधन है। शिक्षा का उच्च स्तर लोगों की सामाजिक और पारिवारिक सम्मान तथा एक अलग पहचान बनाने में काफी मदद करता है। शिक्षा के बिना जीवन अंधकारमय, यह जीवन के पथ को सदा आलोकित करती है, यह वह शस्त्र है जिससे आप पूरी दुनिया में राज कर सकते हैं। शैक्षणिक प्रभारी सोमा सरकार ने कहा कि शिक्षा ही जीवन का सार है। शिक्षा स्त्री-पुरुष दोनों के लिए समान रूप सें आवश्यक है। एक स्वस्थ, शिक्षित और समृद्ध समाज का निर्माण हम शिक्षा के द्वारा ही कर सकते हैं। यह उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक यंत्र है। जिस प्रकार एक मजबूत घर के लिए उसके नींव का मजबूत होना आवश्यक है, उसी तरह एक सशक्त राष्ट्र के लिए बच्चों का शिक्षित होना अतिआवश्यक है। बिना शिक्षा के मनुष्य बिना नींव के घर की तरह होता है। हमें लगातार सीखते रहना चाहिए। शिक्षा एक अनवरत एवं आजीवन चलने वाली प्रक्रिया है।
प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि अच्छी शिक्षा जीवन में बहुत से उद्देश्यों को प्रदान करती है। हमें यह भी ध्यान देना होगा कि किताबी शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों के लिए नैतिक एवं व्यावहारिक शिक्षा भी बहुत आवश्यक है। हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि हम संस्कारों के बीज बोकर ही उन्नति की राह में अग्रसर हो सकते हैं। शिक्षा हमें सभ्य सुसंस्कृत बनाती हैं। विद्यालय में शिक्षा के स्तर से हम कभी भी समझौता नहीं करेंगे एवं सतत रूप से उच्च एवं गुणात्मक शिक्षा पर जोर देंगे। समय-समय पर नवीन एवं आधुनिक समयानुरूप वैज्ञानिक तकनीकों के माध्यम से भी हम आने वाले दिनों में शैक्षणिक व्यवस्था को और अपग्रेड करने की दिशा में प्रयासरत रहेंगे एवं बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करेंगे और बच्चों को एक उच्च स्तरीय शैक्षणिक प्रणाली से रूबरू कराएंगे। हम सभी जानते हैं कि कि शिक्षा अंधकार में प्रकाश की किरण है। यह निश्चित रूप से एक अच्छे जीवन की आशा है। अशिक्षित समाज पूरी मानव जाति के लिए हमेशा से खतरा रही है। विकास तभी संभव है जब राष्ट्र शिक्षित हो। हम विद्यालय में उच्च एवं गुणवत्तापुर्ण शिक्षा प्रदान करने हेतु हमेशा से कटिबद्ध हैं और रहेंगे।
कार्यक्रम का संचालन विद्यालय शिक्षिका यामिनी सिंह ने किया। अभिभावकों ने स्कूल की शैक्षणिक गतिविधियों एवं अध्ययन अध्यापन के प्रति संतुष्टि व्यक्त करते हुए कहा कि स्कूल के समस्त स्टाफ अपने कठिन परिश्रम एवं लगन से इतना अच्छा उत्कृष्ट परिणाम दिये हैं, निश्चित रूप से वे बधाई के पात्र हैं। कार्यक्रम में उपस्थित अभिभावकों ने विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था एवं उत्कृष्ट कार्यशैली के प्रति अपनी संतुष्टि व्यक्त की। कार्यक्रम में अच्छी तादाद में अभिभावक उपस्थित थे।

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