गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग में हुई वृद्धि
0 तीन दिन के भीतर बढ़ी 1000 मेगावाट डिमांड
कोरबा। अप्रैल के दूसरे सप्ताह में तापमान का पारा 40 डिग्री के पार पहुंच चुका है। भीषण गर्मी का अहसास होने लगा है, जिसका असर बिजली की डिमांड पर भी देखने को मिल रहा है। बिजली की डिमांड जहां तीन दिन पहले 4500 मेगावाट के करीब थी, जो अब बढ़कर 5500 मेगावाट के पार पहुंच चुकी है। आने वाले दिनों में बिजली की डिमांड 6000 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है।
अप्रैल के पहले सप्ताह में मौसम में उतार-चढ़ाव के चलते बिजली की डिमांड में कमी आ गई थी। तापमान का पारा गिरने से प्रदेश में 4500 मेगावाट के आसपास बिजली की डिमांड बनी रही। पिछले 2 दिन से अब दोपहर में तेज धूप पड़ रही है। इससे वातावरण में भी बदलाव आया है और अधिकतम व न्यूनतम तापमान के पारा में बढ़ोतरी हुई है। इसी के साथ प्रदेश में बिजली की डिमांड भी 1000 मेगावाट तक बढ़ गई है। गुरुवार को पिक लोड अवर में बिजली की डिमांड 5516 मेगावाट दर्ज की गई। इसके मुकाबले बिजली की उपलब्धता 5613 मेगावाट रही। राज्य उत्पादन कंपनी के संयंत्रों से 2357 मेगावाट बिजली बन रही थी। उत्पादन कंपनी के संयंत्र की क्षमता 2840 मेगावाट है। इसके मुकाबले संयंत्रों से लगभग 500 मेगावाट कम बिजली का उत्पादन हो रहा है। मांग बढ़ने के कारण सेंट्रल सेक्टर से 3062 मेगावाट बिजली ड्राल की जा रही थी। हालांकि इसके बाद भी प्रदेश में अंडरड्रॉल की स्थिति बने रहने से राज्य बिजली उत्पादन कंपनी के अफसरों ने राहत की सांस ली है। अप्रैल के दूसरे सप्ताह में ही बिजली की मांग 5500 मेगावाट के पार पहुंच गई है। आगामी दिनों में डिमांड 6 हजार मेगावाट के पार जा सकती है। पिछले 25 दिन तक चले सुधार कार्य के बाद डीएसपीएम पावर प्लांट की एक नंबर की 250 मेगावाट की यूनिट से बिजली उत्पादन शुरू हुआ था। अब बुधवार से एचटीपीपी की एक यूनिट से बिजली उत्पादन बंद है। बिजली की बढ़ी डिमांड के बीच एचटीपीपी संयंत्र के 210 मेगावाट की एक नंबर यूनिट उत्पादन से बाहर हो गई है। इसके कारण 210 मेगावाट बिजली उत्पादन बाधित हुई है। यूनिट में आई तकनीकी खराबी से इकाई को बंद किया जाना बताया गया है।