विधायक कंवर ने 2.34 करोड़ मुआवजा लेकर भी नहीं हटाया राइस मिल
0 फॉर्म भरने में गलती, पिछले एक साल से आकर रखी हुई है ग्रामीणों के मुआवजे की राशि
0 एनएच के अधिकारियों ने कहा- नेता प्रतिपक्ष और विधायक के बल पर ठेकेदार व कर्मियों से मारपीट पर आमादा हैं ग्रामीण
कोरबा। रामपुर विधायक ननकीराम कंवर खुद मुआवजे के तौर पर 2 करोड़ 34 लाख 67 हजार 324 रुपये की राशि ले चुके हैं, पर अब तक उन्होंने अपना राइस मिल नहीं हटाया है। उधर जब ग्रामीणों ने विधिवत फॉर्म ही नहीं भरा है, तो उनको मुआवजे की रकम भला कैसे जारी होगी, जबकि मुआवजे की रकम पिछले एक साल से आकर रखी हुई है। नेता प्रतिपक्ष और विधायक के बल पर ठेकेदार व कर्मियों से मारपीट पर ग्रामीण आमादा हैं।
कोरबा-चांपा मार्ग पर ग्राम पताढ़ी में एनएच के लिए ली गई जमीन के बदले बिना मुजावजा दिए ग्रामीणों के घरों में रात को बुलडोजर चलवाने के आरोपों के बीच चौंकाने वाली उक्त जानकारी भी सामने आ रही है। एनएच अधिकारियों ने उक्त जानकारी साझा करते हुए मामले के दूसरे पहलू को उजागर किया है। इस मामले में भाजपा के विधायक, नेता प्रतिपक्ष और नेशनल हाईवे अथॉरिटी आमने-सामने आ गए हैं। विधायक के एकाएक प्रदर्शन और निर्मित हालातों के बीच एनएच विभाग का कहना है कि बरपाली क्षेत्र के ग्रामीणों को बरगला कर माहौल खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके पीछे रामपुर विधायक ननकीराम कंवर व नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल की भूमिका कितनी है ये तो वे ही बता सकते हैं परंतु वे भी कहीं न कहीं स्वार्थी तत्वों के कारण गुमराह हो रहे हैं। दूसरी ओर विभाग का कहना है कि ठेकेदार व उसके कर्मचारियों को ग्राम पताढ़ी और बरपाली क्षेत्र के ग्रामीण मार भगाने पर अमादा हैं, जिससे कर्मचारी डरे-सहमे हैं। इस तरह से केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में खुद भाजपा के विधायक और नेता प्रतिपक्ष ही पलीता लगाने की कोशिश में जुटे हैं।
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले ही पताढ़ी के ग्रामीणों ने कलेक्टर से शिकायत करते हुए राजस्व विभाग व एनएच के अधिकारियों समेत निर्माण कार्य कर रही फर्म गावर कंस्ट्रक्शन के ठेकेदार के खिलाफ उरगा पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने की मांग की थी। ग्रामीणों का आरोप है कि घरों में सो रहे लोगों को बिना सूचित किए ही रात को पहुंचे प्रशासनिक अमले ने मकान दुकान पर बुलडोजर चलवा दिया। समय रहते वे मकान से बाहर भागे तब जाकर उनकी जान बची। एनएच विभाग के अनुसार एनएच के लिए अपनी जमीन देने वाले ग्रामीणों के मुआवजे की राशि पिछले एक साल से आकर रखी हुई है, पर उसके भुगतान की भी प्रक्रिया निर्धारित है। शासन-प्रशासन से निर्धारित पैमाने का पालन तो करना ही होगा, जिसके लिए ग्रामीण तैयार ही नहीं है। ऐसे में मुआवजा कैसे जारी हो सकेगा?
0 विधिवत दिया जा रहा मुआवजा, निर्माण में सहयोग करें : डायरेक्टर
एनएचएआई प्रोजेक्ट के डायरेक्टर का कहना है कि मुआवजा की राशि उपलब्ध है। विधिवत फॉर्म भरकर कई लोगों ने मुआवजा ले लिया है और जिनका पारिवारिक विवाद है, उनके घर के लोगों ने ही नहीं लिया है जबकि ऐसे लोगों को कई बार नोटिस दी जा चुकी है और नोटिस तामिल भी की जा चुकी है। दूसरी तरफ कई ऐसे भी लोग हैं जो मुआवजा लेने के बाद भी निर्माण नहीं हटा रहे हैं। डायरेक्टर ने आग्रह किया है कि जनप्रतिनिधि और जनता निर्माण में सहयोग करें, ताकि सड़क का लाभ जल्द मिलना प्रारंभ हो सके।
0 प्रकरणों का पहले निराकरण हो, फिर किया जाए निर्माण कार्य : हितानंद
इस संबंध में नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल का कहना है कि अनेक प्रकरण लंबित हैं। कई का सर्वे नहीं हुआ है। मुआवजा नहीं मिला है। बगैर सर्वे व प्रकाशन के निजी भूमि पर निर्मित मकान व दुकान को तोड़ दिया गया है। यह गलत है। इस कार्रवाई से अधिकारियों के प्रति ग्रामीणों में आक्रोश है। प्रकरणों का पहले निराकरण किया जाए फिर सड़क निर्माण कार्य पूरा करें। वहीं विधायक ननकीराम कंवर के मामले के संबंध में कहा कि उनका मुआवजा पूरा नहीं है। मेजरमेंट भी बराबर नहीं किया गया है।