November 22, 2024

मूल आदिवासियों की हजारों एकड़ जमीनों को औने-पौने दाम में खरीद उसमें चला रहे पावर प्लांट व वाशरी

0 एसीबी कंपनी पर कार्रवाई नहीं होने पर सर्व आदिवासी समाज करेगा आंदोलन
0 प्रेसवार्ता में सर्व आदिवासी समाज ने किया खुलासा

कोरबा।
जिले के अनुविभागीय क्षेत्र कटघोरा व पाली में स्थित आर्यन कोल बेनिफिकेशन (एसीबी) प्राइवेट लिमिटेड का पावर प्लांट और कोल वाशरी संचालित है। रायगढ़ जिले के घरघोड़ा क्षेत्र में ग्राम टैंडा नावापारा में स्थित टीआरएन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड पावर प्लांट संचालित है। इनके संस्थापक व अन्य लोग बड़ी मात्रा में आदिवासियों की जमीनों को सस्ते दामों में खरीद कर उसमें यह प्लांट व वाशरी संचालित कर रहे हैं। जिनके नाम से जमीन खरीदी की गयी है, उनके भी दस्तावेज फर्जी व कूटरचित है। ऐसे कुल 23 लोगों के नामों को चिन्हांकित कर छत्तीसगढ़ सरकार के पास शिकायत की जा चुकी है। इनके नाम से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कटघोरा एसडीएम कार्यालय से अनुसूचित जनजाति (आदिवासी) का स्थाई जाति प्रमाण पत्र बनवाया गया है। उसी प्रमाण पत्र के अनुसार छत्तीसगढ़ के मूल आदिवासियों की हजारों एकड़ जमीनों को औने-पौने दामों में खरीद कर उसमें पावर प्लांट व कोल वाशरी संचालित किया जा रहा है।
उक्त बातें सर्व आदिवासी समाज के युवा प्रभार प्रदेश अध्यक्ष सुभाष सिंह परते ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही। उन्होंने कहा कि नई रेल लाइन गेवरा रोड से पेंड्रा रोड स्पेशल प्रोजेक्ट में 40 करोड़ से ऊपर का मुआवजा लिया गया है, जिसका प्रमाणित दस्तावेज है। पिछले साल 2022 में कार्यालय जिला स्तरीय प्रमाण पत्र सत्यापन समिति कोरबा के आदेश प्रकरण क्र. 01/2022 दिनांक 07/07/2022 व आदेश प्रकरण क्र. 02/2022 दिनांक 21/07/2022 को उपरोक्त कुल 23 लोगों का अनुसूचित जनजाति का जाति प्रमाण पत्र निलंबित किया गया था। रायगढ़ जिले के घरघोड़ा क्षेत्र में ग्राम टैंडा नावापारा में स्थित पावर प्लांट स्थापित है। ग्राम खोखरोआमा में उक्त 23 लोगों के नाम से सैकड़ों एकड़ जमीन वर्ष 2010 में लिया गया, लेकिन बड़े आश्चर्य की बात है, उक्त 23 लोगों का जाति प्रमाण पत्र वर्ष 2013-14 में कटघोरा एसडीएम कार्यालय से बना था, जिसका मूल दस्तावेज ही विभाग से गायब है। इससे समझा जा सकता है कि कैसे संगठित होकर लोग व उद्योग, मूलनिवासी आदिवासियों के साथ छल व कपट करते हुए हमारे अधिकारों का हलन कर रहे हैं। शिकायत होने के बावजूद भी कोई ठोस कार्रवाई न करना सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करता है, जिससे कि सर्व आदिवासी समाज अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहा है। समय रहते इस फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने वाले व बनवाने वाले तथा एसीबी कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होती है तो सर्व आदिवासी समाज आने वाले समय में आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा। साथ ही वर्षों से 267 लोग एससी-एसटी बनकर जो सरकारी पदों पर नौकरी रहे हंै, उनकी बर्खास्तगी होनी चाहिए। बावजूद भी आज तक नौकरी करते आ रहे हैं, उनके ऊपर भी दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेवक राम मरावी जिला अध्यक्ष, केसी कंवर युवा प्रभार जिला अध्यक्ष एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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