November 7, 2024

एनटीपीसी कोरबा में किया गया मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

0 जिला पंचायत सीईओ विश्वदीप व उप जिला निर्वाचन अधिकारी सीमा पात्रे रहीं उपस्थित
कोरबा।
जिला निर्वाचन अधिकारी कोरबा से प्राप्त मौखिक आदेशानुसार एनटीपीसी कोरबा ने मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन मंगलवार को संयंत्र परिसर में किया। एनटीपीसी कोरबा के सभी कर्मचारियों, सीआईएसएफ कर्मियों, ठेकेदारों और अनुबंध श्रमिकों को आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम में आमंत्रित लोगों की उच्च भागीदारी देखी गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वदीप आईएएस जिला पंचायत कोरबा एवं सीमा पात्रे उप जिला निर्वाचन अधिकारी कोरबा थे। प्रभात राम अपर महाप्रबंधक मानव संसाधन ने विश्वदीप का और सुमित रायबागकर उप महाप्रबंधक मानव संसाधन ने सीमा पात्रे का स्वागत किया।

एनटीपीसी कोरबा में आयोजित मतदाता जागरूकता कार्यक्रम व्यवस्थित मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी कार्यक्रम का एक हिस्सा था, जिसे स्वीप के नाम से जाना जाता है। यह मतदाता शिक्षा, मतदाता जागरूकता फैलाने और भारत में मतदाता साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए भारत के चुनाव आयोग का प्रमुख कार्यक्रम है। वर्ष 2009 से, यह भारत के मतदाताओं को तैयार करने और उन्हें चुनावी प्रक्रिया से संबंधित बुनियादी ज्ञान से लैस करने की दिशा में काम कर रहा है। कोरबा में कार्यक्रम ने प्रतिभागियों, जो नागरिक और मतदाता हैं, को चुनावी प्रक्रिया के बारे में शिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित किया ताकि चुनावी प्रक्रियाओं में उनकी जागरूकता और भागीदारी बढ़ाई जा सके।

स्वीप के पदचिह्नों पर चलते हुए, कार्यक्रम का प्राथमिक लक्ष्य सभी पात्र नागरिकों को मतदान करने और चुनाव के दौरान सूचित निर्णय लेने के लिए प्रोत्साहित करके भारत में वास्तव में सहभागी लोकतंत्र का निर्माण करना था। यह कार्यक्रम कई सामान्य और लक्षित हस्तक्षेपों पर आधारित था जो राज्य की सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और जनसांख्यिकीय प्रोफाइल के साथ-साथ चुनावों के पिछले दौर में चुनावी भागीदारी के इतिहास और उससे सीखने के अनुसार तैयार किए गए हैं। सभी लोगों ने शपथ भी लिया तथा इसके अलावा, प्रतिभागियों ने कई प्रश्न भी उठाए जिनका सीईओ जिला पंचायत कोरबा और उप जिला निर्वाचन अधिकारी कोरबा ने उत्तर दिया और समाधान किया। जागरूकता बढ़ाने और पात्र नागरिकों को मतदाता बनने में मदद करने के लिए एनटीपीसी कोरबा में एक और शिविर आयोजित करने की भी बात कही जा रही है। केवल अधिक भागीदारी से ही मजबूत लोकतंत्र बन सकता है।

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