November 23, 2024

सौंदर्यीकरण के लिए लगाया लोहा हो रहा चोरी, जोन अफसर बेपरवाह

कोरबा। नगर पालिक निगम के द्वारा क्षेत्र अंतर्गत प्रमुख इलाकों को सौंदर्यीकरण करकर चकाचक कराया जा रहा है। रास्ते से गुजरने वाली आम जनता को अच्छी फीलिंग हो और शहर भी सुंदर व साफ-सुथरा दिखे, इसके लिए लाखों-करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसी क्रम में निगम द्वारा सीएसईबी चौक से लेकर शारदा विहार तिराहा तक बाई तरफ सौंदर्यीकरण का कार्य कराया जा रहा है, जिसके लिए लगभग डेढ़ करोड़ रुपये या इससे कुछ अधिक की राशि खर्च होनी है। अभी सौंदर्यीकरण के लिए यहां गार्डनिंग करने के साथ-साथ इसकी सुरक्षा के लिए रेलिंग भी लगवाई गई है। सीएसईबी चौक से शारदा विहार तिराहा तक लगाए गए रेलिंग को सुंदर बनाने के लिए इसके ऊपर नुकीला डिजाइन लगाया गया है लेकिन यह ऊपरी हिस्सा चोरों का शिकार बन रहा है। जगह-जगह से और काफी मात्रा में लोहे के टुकड़ों को तोड़कर कबाड़ियों के पास बेचा जा रहा है। कबाड़ का काम करने वाले चंद व्यवसायी निगम का चोरी का लोहा खरीद कर चंद रुपये बेचने वाले को दे रहे हैं और इस पैसे से नशा कर छोटी-बड़ी चोरियों को अंजाम दिया जा रहा है।
ऐसा भी नहीं है कि निगम के संबंधित जोन अधिकारी अथवा मैदानी अमले को इसकी जानकारी न हो या रास्ते से गुजरते वक्त उनकी नजर सौंदर्यीकरण में हो रही चोरी पर न पड़ रही हो, लेकिन उन्हें इतनी फुर्सत नहीं कि इस मामले की रिपोर्ट थाना में दर्ज कराएं या शिकायत दें। दरअसल अभी यहां सौंदर्यीकरण का काम 60 प्रतिशत ही पूरा हो पाया है और बहुत कुछ काम होना शेष है, लेकिन लगने वाली राशि नगर निगम की होने से पूरा निर्माण ही सरकारी है। ऐसे में सरकारी संपत्ति की सुरक्षा का दायित्व जिम्मेदार अधिकारियों का भी होता है, लेकिन देखा जा रहा है कि जोन प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र में निगम की संपत्ति की सुरक्षा के दायित्व से मुंह मोड़े हुए हैं। यही कारण है कि जब नगर निगम ने जगह-जगह कूड़ेदान की स्थापना की तो आज वहां सिर्फ लोहे का ढांचा खड़ा नजर आता है और कई जगह तो यह ढांचे काट पीट कर चोरी भी कर लिए गए हैं। इनकी कोई गिनती अधिकारियों के पास भी नहीं है और न ही वे इसके प्रति कोई गंभीरता दिखा रहे हैं। जनता के द्वारा संपत्ति कर और विभिन्न करों के रूप में नगर निगम को राजस्व प्रदान किया जाता है और राजस्व का यही एक बड़ा हिस्सा विभिन्न सुविधाओं पर खर्च होता है, लेकिन निगम के अधिकारियों की लापरवाही के कारण यह निर्माण कार्य कहीं जाने अनजाने में तो अधिकांश जगहों पर जानबूझकर तोड़फोड़ कर अपने-अपने हिसाब से लोगों के द्वारा उपयोग में लाए जा रहे हैं। ऐसे लोगों की विरुद्ध नगर पालिक निगम अधिनियम के तहत निगम की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कानूनी कार्रवाई करने की आवश्यकता है।

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