November 23, 2024

बिना शिक्षक कैसे संवरेगा देश का भविष्य

0 मध्यान्ह भोजन के बाद अधिकांश बच्चे लौट आते हैं घर
कोरबा।
आकांक्षी जिला कोरबा के कई स्कूल शिक्षकविहीन या एकल शिक्षक के रूप में संचालित हो रहे हैं। स्कूलों में पर्याप्त स्टाफ की कमी के कारण बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। कई स्थानों पर तो मध्यान्ह भोजन तक स्कूलें संचालित हो रही हैं, फिर भोजन के बाद बच्चे बस्ता उठाकर घर लौट आ रहे हैं।
जिले के डेढ़ दर्जन से सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जहां एक भी शिक्षक नहीं है। यहां के विद्यार्थी मध्यान्ह भोजन के बाद वापस घर लौट जाते हैं। इससे बच्चों की शिक्षा पर बुरा असर पड़ रहा है। इसकी शिकायत के बाद भी विभागीय अफसर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिला शिक्षा विभाग ने हाल ही में पोड़ी-उपरोड़ा ब्लॉक के चार माह की पढ़ाई के लिए अतिथि शिक्षकों की भर्ती का निर्णय लिया है। लेकिन कोरबा, कटघोरा, पाली व करतला विकासखंड के एकल और शिक्षिकविहीन स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था पर जोर नहीं दिया गया। बताया जा रहा है कि विभागीय आंकड़े के अनुसार पोड़ी-उपरोड़ा विकासखंड में 12 शिक्षकविहीन स्कूल हैं। इसके अलावा कटघोरा में तीन और एकल शिक्षकीय स्कूलों की संख्या 14 हैं। इसी तरह का हाल पाली व कोरबा ब्लॉक के कुछ स्कूलों में शिक्षक नहीं है। बावजूद इन स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई को लेकर ध्यान नहीं दिया जा रह है। इसके अलावा कई ऐसे स्कूल हैं, जहां विद्यार्थियों की संख्या अधिक है। इसके बाद भी शैक्षणिक कार्य के साथ प्रशासनिक कार्य से मुख्यालय पहुंचने के दौरान बच्चों की छुट्टी दे दी जाती है। जिले के अधिकांश स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। कई प्राथमिक स्कूल में एकल शिक्षकीय है। यहां पदस्थ शिक्षक पर कक्षा पहली से 5वीं तक यानी पांच कक्षाओं की जिम्मेदारी एकसाथ दी गई है। इसके अलावा विभागीय व प्रशासनिक कार्य के लिए मुख्यालय जाने पर उस दिन की पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित रहती है।
0 अटैचमेंट का चल रहा खेल
इधर जिला शिक्षा विभाग में अटैचमेंट का खेल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। कई शिक्षक ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में पदस्थ होने के बाद भी मुख्यालय में अटैच करा लिए हैं। लंबे समय से विभाग में ड्यूटी दे रहे हैं, जबकि स्कूलों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। ऐसे शिक्षकों का अटैचमेंट समाप्त कर उन्हेंं पदस्थापित स्कूलों में भेजा जाए तो समस्या का निराकरण हो सकता है। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद अटैचमेंट का खेल पर रोक लगने की उम्मीद है।

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