राखड़ से परेशान ग्रामीणों ने किया चक्काजाम, दोनों ओर लगी वाहनों की कतार
कोरबा। राखड़ लदी गाडिय़ों से परेशान नकटीखार के ग्रामीण कोरबा बाइपास मार्ग पर बीती रात से चक्काजाम में जुटे रहे। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, उनका आंदोलन जारी रहेगा। चक्काजाम के चलते सडक़ के दोनों ओर राखड़ लदी गाडिय़ों की कतार लग गई। ग्रामीणों का कहना है कि राखड़ भरे ट्रकों से कई बार हादसे हो चुके हैं। अनेक लोगों की मौत भी चुकी है। राखड़ भरी गाडिय़ां बेलगाम हो गई है। तेज रफ्तार और बिना तिरपाल के चलने वाली गाडिय़ों से पूरा इलाका राखड़ से पट गया है।
नकटीखार की सरपंच रूपा तिर्की ने बताया कि राखड़ बनाने वाले और उसे परिवहन करने वालों ने तो हद ही कर दी है। हम सब का जीवन संकट में है, इसलिए उन्हें मजबूर होकर सडक़ पर उतरना पड़ रहा है। राखड़ परिवहन को लेकर कुछ दिनों पहले ही झगरहा मुख्य मार्ग पर चक्काजाम किया गया था। कोरबा में विभिन्न प्लांट से निकलने वाले राख का परिवहन अब लोगों के लिए नासूर बनता जा रहा है, इसका विरोध जनमानस सडक़ पर उतरकर कर रहा है। ताजा मामला कोरबा बाइपास मार्ग के नकटीखार के समीप का है, जहां के ग्रामीणों ने बीती रात से ही मार्ग में चक्काजाम कर दिया है। ग्रामीणों ने कहा कि हम सब का जीवन संकट में है और राख का परिवहन करने वालों ने अब तो हद कर दी है, इसलिए विरोध स्वरूप हमने यह कदम उठाते हुए चक्काजाम कर दिया है। पर्यावरण विभाग के द्वारा कुछ दिन पूर्व ही इस मार्ग में दो दिन के लिए राख परिवहन करने वालों वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया था एवं विभिन्न विद्युत संयंत्र को नोटिस जारी किया गया था परंतु परिवहन में लगे ट्रांसपोर्ट कंपनियों को इसकी कोई भी फिक्र नहीं है और वह अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं। प्रशासन के द्वारा जल्दी इस समस्या का कोई स्थाई समाधान नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में स्थिति विस्फोटक हो सकती है। बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में राख से होने वाला प्रदूषण एक प्रमुख मुद्दा बना था एवं तत्कालीन विपक्षी पार्टी द्वारा इस मामले को प्रमुखता से लोगों के समक्ष रखा गया था एवं चुनाव जीतने पर इसका निपटारण करने की बात कही गई थी, परंतु विधानसभा चुनाव हुए 1 साल हो गए हैं लेकिन राख से होने वाली समस्या प्रतिदिन विकराल रूप धारण करते जा रही है।