September 20, 2024

जोगी का मरवाही: उप चुनाव का नतीजा आने से पहले जानें इतिहास

गौरेला 9 नवम्बर। छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन हो जाने के बाद जोगी के गढ़ माने जाने वाला मरवाही विधानसभा क्षेत्र में 3 नवंबर को उपचुनाव हुआ है और मंगलवार 10 नवंबर को मतगणना के पश्चात नतीजे आएंगे लेकिन इससे पहले आइए जानते हैं- मरवाही विधानसभा का राजनीतिक इतिहास।

वर्ष 1977 और 1980 के चुनाव में डॉ. भंवर सिंह पोर्ते (अब दिवंगत) ने कांग्रेस से चुनाव जीता। 1985 में दीनदयाल पोर्ते ने कांग्रेस से जीत हासिल की। 1990 में भंवर सिंह पोर्ते ने भारतीय जनता पार्टी से चुनाव लड़ा और जीते। 1993 में कांग्रेस को फिर यह सीट मिली, तब पहलवान सिंह विधायक निर्वाचित हुए। 1998 में भाजपा से रामदयाल उइके ने जीत हासिल की, जिन्होंने जोगी के लिये इस्तीफा दे दिया।

छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद 2001 से लेकर अब तक मरवाही से अजित जोगी जीतते आये। 2003, 2008 और 2018 के चुनाव में अजित जोगी ने जीत का परचम लहराया। 2013 में उन्होंने अपने पुत्र अमित जोगी को लड़ाया। अमित जोगी के पास यह सीट 46 हजार 250 वोटों से जीतने का रिकॉर्ड है। पिछले चुनाव यानी 2018 में अजित जोगी की एकतरफा जीत हुई थी। उन्हें 74,041 वोट मिले, भाजपा की अर्चना पोर्ते को 27,579 और कांग्रेस के गुलाब सिंह राज को 20,040 वोट हासिल हुए। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की रितु पेन्ड्राम को 9,978 वोट मिले। इस तरह कांग्रेस पिछले चुनाव में तीसरे स्थान पर रही। यह जोगी का प्रभाव था। मरवाही उपचुनाव में स्व अजीत जोगी के परिवार और पार्टी से प्रत्याशी भले ही इस चुनावी मैदान से बाहर हो गए हैं लेकिन जोगी के गढ़ में उनके रण को जीतना और वेदना,जितना आसान लग रहा है, उतना ही मुश्किल है क्योंकि उन्होंने मरवाही क्षेत्र को इस कदर बांध कर रखा था और उनके प्रति लोगों के दिलों में आत्मीय लगाव था यही एक कारण है स्व जोगी मरवाही में एक बड़े आंकड़े के साथ चुनाव जीतते थे।

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