गंदगी के बीच बनाई जा रही मिठाई, मुरली होटल समेत 6 संस्थानों पर 30 हजार रुपयों का जुर्माना लगाया गया
कटघोरा एसडीएम के नेतृत्व में संयुक्त टीम ने की छापामारी
कोरबा 10 नवम्बर। दीपावली पर्व के लिए स्वच्छता के मापदंडों को नजरअंदाज कर मिठाई तैयार कर रहे नगर पालिका कटघोरा के 6 मिठाई दुकान संचालकों के खिलाफ जिला प्रशासन ने 30 हजार का जुर्माना ठोंका है । मंगलवार को खाद्य सुरक्षा विभाग , राजस्व विभाग नगर पालिका की संयुक्त टीम की जांच में यह गड़बड़ी पाए जाने पर कार्यवाई की गई है । साथ ही खराब मिठाई मौके पर नष्ट कराए जाने के साथ साथ संदेहास्पद पाए जाने पर 2 संस्थानों से मिठाईयों का सैम्पल लिया गया है। विभाग की इस कार्यवाई से संचालकों में हड़कंप मचा है ।
दीपावली पर्व की आड़ में मिठाई दुकान संचालक अधिक मुनाफा की लालच में गुणवत्ताहीन मिठाई तैयार कर रहे हैं । साथ ही स्वच्छता के मानकों को भी नजरअंदाज किया जा रहा जा रहा है । जिसे रोकने के लिए कलेक्टर किरण कौशल के निर्देशानुसार खाद्य सुरक्षा विभाग ,राजस्व विभाग एवं निकायों की संयुक्त टीम छापामारी कर रही है । इसी कड़ी में मंगलवार को को उपनगरीय क्षेत्र कटघोरा में में एसडीएम अभिषेक शर्मा के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा विभाग एवं नगर पालिका की टीम ने 6 संस्थानों में औचक जांच की । सहायक औषधि नियंत्रक भीष्म देव सिंह के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा अधिकारी आर आर देवांगन ,विकास भगत ने 6 मिठाई दुकानों में स्वच्छता एवं मिठाइयों की गुणवत्ता का परीक्षण किया । इस दौरान नामचीन मुरली होटल ,शारदा स्वीट्स ,मधु स्वीट्स ,नर्मदा डेयरी ,लक्ष्मीनारायण होटल ,ज्योति स्वीट्स में स्वच्छता का अभाव पाया गया । जांच टीम में शामिल नगर पालिका कटघोरा के सीएमओ ने एसडीएम के निर्देश पर मौके पर ही इन संस्थानों के खिलाफ 30 हजार रुपए की चालानी कार्यवाई की । इन संस्थानों द्वारा स्वच्छता के मापदंडों को नजरअंदाज कर मिठाई तैयार कर लोगों को बेचा जा रहा है । जन सामान्य के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है । खराब मिले खाद्य पदार्थों को मौके पर ही नष्ट किया गया । साथ ही सभी फर्मों को कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने की चेतावनी दी गई है।
जिस तरह फूड टेस्टिंग वैन से मौके पर ही आधे घण्टे के भीतर खाद्य पदार्थ के गुणवत्ता का परीक्षण किया जाता है उसे देखते हुए जिले को स्थाई तौर पर फूड टेस्टिंग वैन दिए जाने चाहिए। सोमवार को बिलासपुर से भेजे गे फूड टेस्टिंग वैन को दूसरे दिन रायगढ़ जिला भेज दिया गया । बताया जा रहा है संभाग में एक एक फूड टेस्टिंग वैन दी गई है ।जिसे सभी जिलों में एक एक दिन जांच के लिए घुमाया जा रहा है । प्रत्येक फूड टेस्टिंग वैन की लागत 50 लाख रुपए से अधिक की है । यही वजह है कि आर्थिक तंगी से जूझ रही राज्य सरकार सभी जिलों के लिए एक एक फूड टेस्टिंग वैन उपलब्ध नहीं करा पा रही है। अगर फूड टेस्टिंग वैन जिले में पर्व के दौरान हफ्ते भर के लिए भी दिए जाते तो जिस तरह टीम ने मुरली होटल से संदेहास्पद पाए गए रसगुल्ला , कुंडा व शारदा स्वीट्स से बूंदी के लड्डू का सैम्पल लेकर जांच के लिए भेजा है । उसका परीक्षण मौके पर ही जाता। अब हफ्ते दस दिन बाद जब रिपोर्ट आएगी तब तक वो खाद्य पदार्थ ( मिठाई )बिक चुकी होगी । निश्चित तौर पर शासन को इस दिशा में गंभीरता से पहल करनी चाहिए । जन सामान्य के स्वास्थ्य के साथ बजट के नाम पर समझौता नहीं करना चाहिए । खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को भी निरीक्षण के लिए वाहन दिए जाने चाहिए । तभी जांच भी समय पर होगा और आशातीत नतीजे में जनहित में बेहतर सामने आएंगे ।