November 22, 2024

अधिसूचित क्षेत्र में भूमिहीन आदिवासी परिवारों को जमीन उपलब्ध कराई जाएगी: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

रायपुर 23 जनवरी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश के अधिसूचित क्षेत्र में भूमिहीन आदिवासी परिवार को जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि अधिसूचित क्षेत्र का कोई भी आदिवासी परिवार भूमिहीन नही रहेगा। बघेल आज यहां पंडित दीनदयाल उपाध्याय आडिटोरियम में छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय विकास सेवा संघ के नव निर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री बघेल ने महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर उनका स्मरण करते हुए कहा कि आदिवासी समाज का भी स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आदिवासी समाज के गैंदसिंह नायक, शहीद वीरनारायण सिंह, गुण्डाधुर जैसे अनेक नायकों ने देश की आजादी में अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के उत्तर एवं दक्षिण आदिवासी बहुल क्षेत्र हैं। यहां जंगल क्षेत्र होने के बावजूद भी सिंचाई के लिए पानी की कमी है। किसानों के खेतो तक पानी पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा नरवा योजना शुरू की गई। इस योजना के तहत नदी-नालों को पुनर्जीवित किया जा रहा है। यह काम अब वन विभाग के माध्यम से हो रहा है। इस योजना से यह भी लाभ मिला है कि अब जंगली जानवरों को जंगल में आसानी से पेयजल उपलब्ध हो रहा है, इससे रिहायसी क्षेत्रों में जंगली-जानवरों का आना रूका है। सिंचाई से पानी उपलब्ध होने से जंगलों की हरियाली बढ़ रही है, इससे मधुमक्खी पालन भी बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि जंगल में निवास करने वाले वनवासियों को रोजगार के लिए हमारी सरकार ने वन अधिकार मान्यता पत्र की समीक्षा कर वास्तविक हकदारों को उनके पट्टे उपलब्ध कराए हैं। सामुदायिक दावा पट्टा पर अधिक जोर दिया गया। प्रदेश में अब तक साढ़े 5 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि के सामुदायिक पट्टों का वितरण किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष जंगल में फलदार वृक्ष लगाए जाएंगे। सरकार की सोच है कि जंगल पर निर्भर रहने वाले वनवासियों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो। उन्होंने कहा कि फलदार वृक्षों के नीचे तिखुर, हल्दी सहित अंतरवर्तीय फसलें लगाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि कोदो-कुटकी का भी समर्थन मूल्य दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बहुउद्देशीय बोधघाट परियोजना पहली परियोजना होगी, जिससे आदिवासियों को सीधा फायदा होगा। उन्होंने कहा कि बोधघाट परियोजना के लिए देश की सबसे आदर्श पुनर्वास नीति बनाई जाएगी। बघेल ने कहा कि आदिवासी की पहचान उनकी संस्कृति से है। आदिवासी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए सरकार देवगुड़ी विकास और घोटुल निर्माण के लिए राशि उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालयों में रियायती दर पर समाज को जमीन और सामाजिक भवन निर्माण के लिए सरकार आर्थिक मदद दे रही है। शहीद वीर नारायण सिंह के नाम से जनजातीय संग्रहालय और शोध कार्य के लिए 10 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई गई है।

मुख्यमंत्री बघेल ने डॉ.खूबचंद बघेल के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि समर्थ व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि समाज के कमजोर वर्ग का हाथ पकड़कर उसे आगे बढ़ाया जाए। सरकार की भी यही सोच है कि आदिवासियों की संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन के साथ ही सामाजिक सुधार, आर्थिक व्यवस्था सुधरे, शिक्षा ग्रहण कर आगे बढ़े। राज्य सरकार द्वारा आदिवासी समाज को आगे लाने के लिए सभी दिशाओं में पहल की जा रही है।

मुख्यमंत्री बघेल ने शपथ ग्रहण समारोह में नवनिर्वाचित प्रांताध्यक्ष आर.एन. ध्रुव सहित अन्य पदाधिकारियों को शपथ दिलाई। इस अवसर पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास मंत्री डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत, संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी, सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष गुलाब कमरो, सदस्य अनुसूचित जनजाति नितिन पोटाई, सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष बी.पी.एस. नेताम एवं सचिव नवल सिंह मण्डावी सहित अन्य पदाधिकारी और अनुसूचित जनजाति विकास सेवा संघ के सदस्यगण उपस्थित थे।

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